MP News: सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) पोर्टल के जरिए अनाथ बच्चों को गोद दिया जा रहा है। अब तक 40 बच्चों को मिला सहारा, अपनों ने जिन्हें छोड़ा वो लावारिस बच्चे भर रहे मां की सूनी गोद, देश-विदेश में भी माता-पिता बनने का सपना हो रहा पूरा, पढ़ें बालमीक पांडेय की रिपोर्ट...
MP News: जिन मासूमों को लावारिस हालत में छोड़ दिया गया, आज वही बच्चे नए माता-पिता के प्यार और दुलार में पल-बढ़ रहे हैं। सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) पोर्टल के जरिए अनाथ बच्चों को गोद दिया जा रहा है। इन मासूमों को न सिर्फ भारतीय, बल्कि विदेशी दंपती से भी खुशी मिल रही है। कलेक्टर और एडीएम कोर्ट की मदद से 2013 से अब तक 40 बच्चों को गोद दिया जा चुका है। 10 और बच्चों को कानूनी रूप से गोद देने की प्रक्रिया जारी है।
18 माह की बच्ची को बड़वारा थाना क्षेत्र से रेस्क्यू किया गया। फरवरी में यूएसए के दंपती ने गोद लिया।
रीठी बायपास पर बीते 10 नवंबर को दो दिन का शिशु मिला। इसे जबलपुर के रेलवे अधिकारी ने फरवरी में गोद लिया।
एक बच्चे को जन्म के कुछ समय बाद मां सड़क किनारे छोड़ गई। चार माह बाद बच्चे को महाराष्ट्र के दंपती ने आसरा दिया।
बता दें कि अनाथ बच्चों की देखभाल शिशु गृह में होती है। 2 साल तक के बच्चों को 60 दिन, बड़े बच्चों को 4 माह में लीगल फ्री कराया जा रहा है। कारा पोर्टल पर बच्चे और दंपती का पंजीयन होता है। कटनी के बाल संरक्षण अधिकारी मनीष तिवारी के अनुसार रिश्तेदारों के बच्चे गोद लेना हो तो वे भी कारा में पंजीयन करना होगा। महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रतिभा पांडेय के अनुसार वर्तमान में 10 बच्चों की प्रक्रिया चल रही है।
अब तक देश में दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरु, चेन्नई के अलावा विदेश में माल्टा, एरिजोना, नॉर्थ कैरोलिना (यूएसए), स्पेन जैसे देशों में बच्चे गोद लिए गए हैं।