शहर में एक दर्जन से अधिक स्वीमिंग पूल व वाटरपार्क का व्यावसायिक रूप से हो रहा संचालन, बच्चों को सिखा रहे तैराकी, नगरनिगम व प्रशासनिक अफसरों ने नहीं की जांच
कटनी. यूं तो स्वीमिंग पूल के निर्माण का उद्देश्य अच्छे तैराक खिलाड़ी तैयार करना है। इसके लिए प्रशिक्षक तथा फिलट्रेशन प्लांट लगाना जरूरी है, लेकिन जिला मुख्यालय में ऐसा नहीं है। शहर में व्यावसायिक रूप से एक दर्जन से अधिक स्वीमिंग पूल संचालित हैं, लेकिन इनमें नियमों का पालन हो रहा है या नहीं, इसकी जांच की फुर्सत नगरनिगम व प्रशासनिक अधिकारियों को नहीं है। गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है और बड़ी संख्या में शहरवासी गर्मी से निजात पाने इन स्वीमिंग पूल में पहुंच रहे हैं। कहीं बच्चों को तैराकी सिखाई जा रही है तो कहीं युवा मस्ती कर रहे हैं। इन सबके बीच सुरक्षा मानकों को दरकिनार किया जा रहा है। इन स्वीमिंग पूल में रोजाना लाखों क्यूसेक लीटर पानी बर्बाद हो रहा है लेकिन जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। इसी के साथ सुरक्षा के मानकों का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। ऐसे में यहां अनहोनी होने की आशंका भी रहती है। वर्ष 2023 में एनकेजे थाना क्षेत्र में संचालित एक वाटरपार्क के स्वीमिंग पूल में मासूम बच्चे की मौत हो गई थी, इसके बावजूद अफसरों ने सभी स्वीमिंग पूल की जांच नहीं की। गर्मी तेजी से असर दिखा रही है और स्वीमिंग पूल में लोगों की भीड़ भी बढ़ रही है, इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने बैठे हैं।
तरणताल के संचालन के संबंध में कई नियम बनाए गए हैं। इसका प्रकाशन 29 जून 2011 के मप्र राजपत्र में किया गया है। इसके अनुसार स्वीमिंग पूल बनाने के लिए आयुक्त नगर निगम या मुख्य नगर पालिका अधिकारी या नगर परिषद को निर्माण के लिए आवेदन देना होता है। नगरनिगम के अफसरों ने बताया कि सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य है। यदि नहीं होता तो स्वीमिंग पूल का संचालन नहीं किया जा सकता।
शहर में कई स्वीमिंग पूल संचालक इनका संचालन व्यवसायिक रूप से कर रहे हैं। यहां बच्चों को तैराकी सिखाने के नाम पर शहर में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है और मोटी रकम वसूली जा रही है। बड़ी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को भी यहां तैराकी सिखने के लिए भेज रहे है लेकिन सुरक्षा मानकों की परवाह प्रशासन को नहीं है। जांच के लिए जिम्मेदार नगरनिगम व प्रशासनिक अधिकारियों ने अबतक इसकी सुध नहीं ली है।
जानकारी के अनुसार 2 जून 2023 को एनकेजे थाना क्षेत्र के जुहला बाइपास समीप राघव रीजेंसी होटल स्थित वॉटरपार्क में मासूम बच्चे की डूबने से मौत हो गई थी। दरअसल, नीलू पति अर्पित गुप्ता निवासी टीकमगढ़ अपनी ससुराल से शहर के इंद्राज्योति कॉलोनी स्थिति मायके गर्मी की छुट्टियों में आई थीं। नीलू अपने 7 वर्षीय बेटे अथर्व गुप्ता व बहन अनामिका गुप्ता (22) के साथ एनकेजे थाना क्षेत्र के राघव रीजेंसी होटल स्थित वॉटरपार्क गई थीं। वॉटरपार्क के स्वीमिंग पूल में तीनों नहा रहे थे, इसी दौरान मासूम अथर्व नहाते-नहाते गलती से गहरे पानी में चला गया और डूब गया था। पुलिस ने इस मामले में पूल संचालकों पर लापरवाही का मामला पंजीबद्ध किया था।
नीलेश दुबे, आयुक्त, नगरनिगम का कहना है कि शहर में व्यावसायिक रूप से संचालित स्वीमिंग पूल के निर्माण के पूर्व ही नगरनिगम से अनुमति ली जाती है। इसके अलावा शासन से जारी गाइडलाइन के अनुसार सुरक्षा मानकों का पालन करना भी अनिवार्य होता है। जल्द ही सभी स्वीमिंग पूल व वाटरपार्क की जांच की जाएगी। सुरक्षा मानकों का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।