कटनी

आयुक्त से ट्रांसपोर्टरों ने कहा: 40 वर्षों से ट्रांसपोर्ट नगर पर सिर्फ श्रेय लेनी की राजनीति

ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण की मांग पर ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने आयुक्त को मिलकर बताईं समस्याएं, यातायात व्यवस्था सुधार व अर्धनिर्मित ट्रांसपोर्ट नगर को पूरा कराने रखी मांग

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Oct 14, 2025
Transport Nagar problem

कटनी. शहर की अव्यवस्थित यातायात व्यवस्था और ट्रांसपोर्ट नगर के अधूरे निर्माण को लेकर सोमवार को ट्रांसपोर्ट नगर एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएम तिवारी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कारोबारी नगर निगम पहुंचकर आयुक्त तपस्या परिहार से चर्चा की। एक पत्र सौंपा और शहर के बढ़ते ट्रैफिक दबाव, वर्षों से लंबित ट्रांसपोर्ट नगर परियोजना और परिवहन व्यवसायियों की समस्याओं का उल्लेख किया गया। ज्ञापन में कहा गया है कि ट्रांसपोर्ट नगर का मुद्दा पिछले 40 वर्षों से शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की श्रेय लेने की राजनीति में उलझा हुआ है। इस दौरान शहर की जनसंख्या चार गुना बढ़ गई, कई व्यवसायियों ने व्यवसाय बदल लिया, कई अब जीवित नहीं रहे, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। ट्रांसपोर्टरों ने यहां तक कह दिया कि नगर निगम में ऐसा चल रहा है जैसे नेता अपनी जागीर से हिस्सा बांट रहे हों।
तिवारी ने कहा कि सरकारें और महापौर व आयुक्त बदलते रहे, लेकिन ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण कार्य अधूरा ही रहा। व्यापारी वर्ग जो टैक्स अदा करता है, बाहर से माल लाकर शासन को राजस्व प्रदान करता है, आज भी असुविधा झेल रहा है। चुनावों में परिवहन व्यवसायी वर्ग की भूमिका हमेशा निर्णायक रही है, लेकिन चुनाव के बाद उनके मुद्दों को भुला दिया जाता है। इस बार पहली बार किसी आइएएस अधिकारी को नगर निगम कमिश्नर के रूप में जिम्मेदारी मिली है, जिससे शहर के विकास की उम्मीदें बढ़ी हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि कमिश्नर स्वयं शहर के विभिन्न मार्गों और यातायात की स्थिति का निरीक्षण करें और ट्रांसपोर्ट नगर से जुड़े सभी पुराने पत्रों व प्रस्तावों का अवलोकन कर निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराने का निर्णय लें, ताकि कटनी की यातायात समस्या का स्थाई समाधान संभव हो सके। इस पर आयुक्त ने कहा है कि दीपावली के बाद से आवश्यक प्रक्रिया की जाएगी। एक बैठक कर सभी मुद्दों पर चर्चा कर हल निकाला जाएगा।

यह है ट्रांसपोर्ट नगर की स्थिति

1983 में शहर में ट्रांसपोर्ट नगर की योजना बनी और पुरैनी में जमीन चिल्हित की गई है। यह प्रक्रिया चलती रही और 2012 में 266 भूखंड तैयार कर आवंटन की प्रक्रिया अपनाई गई। यहां पर 114 भूखंडों का आवंटन हो पाया था। इसमें से 11 की लीज निरस्त कर दी गई है, 8 में लीज निरस्तीकरण के प्रकरण चल रहे हैं, क्योंकि इन कारोबारियों द्वारा कारोबार ही वहां पर नहीं किया जा रहा और ना ही निर्माण। 95 मौके पर निर्माण कर रहे हैं। 73 लोगों ने नक्शा पास कराते हुए भवन निर्माण शुरू किया है। 28 लोगों का निर्माण पूरा हो गया है। 22 लोगों ने अबतक नक्शे ही पास नहीं कराए। 115 प्लाटों का आवंटन कलेक्टर रेट पर होना है, वह अबतक नहीं हो पाए। शहर में ट्रांसपोर्ट कारोबार से पूरा शहर अस्त-व्यस्त है, इसके बाद भी जिम्मेदार जनप्रतिनिध इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहे। सिर्फ बयानबाजी और कागजी वाहनवाही चल रही है।

Published on:
14 Oct 2025 09:00 pm
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