नगर निगम ने बनाई 39 लाख की कार्ययोजना
कटनी. जल संकट और भूमिगत जलस्तर की गिरावट को देखते हुए नगर निगम कटनी ने जल संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। आयुक्त द्वारा शहर में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को प्रभावी रूप से लागू करने जा रहा है, जिसके तहत वर्षा जल को कुओं और नलकूपों के माध्यम से पुनर्भरण कर जलस्रोतों को सहेजा जाएगा।
नगर निगम द्वारा तैयार कार्ययोजना के अनुसार शहर के 100 नलकूपों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 17 लाख रुपए का बजट तय किया गया है। साथ ही 60 पारंपरिक कुओं को रिचार्ज करने के लिए 22 लाख की अलग कार्ययोजना बनाई गई है। कुल 39 लाख की यह योजना शहर के जल भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
नगर निगम द्वारा यह नियम है कि मकान निर्माण की अनुमति लेते समय रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए आवेदक से एक निश्चित राशि जमा कराई जाती है। तय किया गया है कि सिस्टम बन जाने के बाद राशि लौटाई जाएगी। लेकिन हकीकत यह है कि करीब 80 फीसदी घरों में इस नियम का पालन नहीं हो रहा। भवन स्वामी न तो सिस्टम बनवाते हैं, न ही राशि की वापसी का दावा करते हैं।
सरकारी भवनों में भी लापरवाही
रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की अनिवार्यता केवल निजी भवनों तक सीमित नहीं है। सरकारी भवनों में भी इसे लागू किया जाना चाहिए, लेकिन वहां भी हालात संतोषजनक नहीं हैं। कई शासकीय कार्यालयों में या तो यह प्रणाली है ही नहीं, या फिर नाममात्र की औपचारिकता निभाई गई है। वर्षा जल का संरक्षण न केवल पर्यावरणीय संतुलन के लिए जरूरी है। हर वर्ष मानसून में लाखों लीटर पानी व्यर्थ बह जाता है, जिसे यदि सही दिशा में मोड़ दिया जाए तो जल संकट से राहत मिल सकती है।
नीलेश दुबे, आयुक्त नगर निगम ने कहा कि जल संरक्षण नगर निगम की पहली प्राथमिकता है। हम रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को हर स्तर पर लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नागरिकों से भी आवाहन किया जाएगा कि वे अपने घरों में यह सिस्टम जरूर बनवाएं, जिससे कटनी आने वाले वर्षों में जल संकट से मुक्त रह सकें। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के माध्यम से 10 नलकूपों व 60 कुओं में बारिश का पानी सहेजा जाएगा।