CG Cyber Fraud: कबीरधाम जिले की बात करें तो डेढ़ साल में 949 लोग साइबर क्राइम का शिकार हुए, जबकि 3.68 करोड़ रुपए की साइबर ठगी हुई।
CG Cyber Fraud: जैसे-जैसे कार्य डिजीटल हो रहे हैं लोगों को सुविधाएं मिल रही हैं वैसे ही अपराध में भी बढ़ोतरी हो रही है। रोजाना ही कई लोग साइबर अपराध के शिकार हो रहे हैं। कबीरधाम जिले की बात करें तो डेढ़ साल में 949 लोग साइबर क्राइम का शिकार हुए, जबकि 3.68 करोड़ रुपए की साइबर ठगी हुई।
कबीरधाम जिले में बड़ी संया में लोग जाने अनजाने या फिर लापरवाही में साइबर अपराध की चपेट में आ रहे हैं। कबीरधाम जिला साइबर सेल से मिली जानकारी के अनुसार1 जनवरी 2024 से 7 जून 2024 की स्थिति जिले के 949 में है लोग साइबर अपराध के शिकार हो चुके हैं।
इसमें सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट से लेकर नौकरी लगाने, खाता या एटीएम बंद होने की जानकारी देकर राशि मांगने, टॉवर लगाने, लॉटरी जीतने, ईनाम जीतने, ऑनलाइन स्टॉक मार्केट के नाम पर ठगी, अश्लील वीडियोकॉल होने पर ब्लैकमेल सहित कई प्रकार के साइबर अपराध शामिल हैं।
साइबर अपराध में मुख्य रुप से ठगी के मामले अधिक हैं। इसमें सैकड़ों लोगों से 3 करोड़ 68 लाख 14 हजार 922 रुपए की ठगी हो चुकी है। किसी ने कुछ हजार रुपए गंवाएं तो किसी ने लाखों रुपए। मतलब समझा जा सकता है कि लोगों की जागरुकता की कितनी कमी है, जिसके चलते ही तो आए दिन लोग साइबर ठगों के झांसे में आकर अपनी गाड़ी कमाई गवां रहे हैं।
जिले में से सबसे अधिक साइबर अपराध जिला मुख्यालय कवर्धा अंतर्गत ही होते हैं। बीते डेढ़ वर्ष के दौरान कवर्धा में 352 साइबर अपराध से संबंधित प्रकरण दर्ज किया गया। इसके अलावा पंडरिया क्षेत्र 113 के अंतर्गत, पिपरिया क्षेत्र 104 के अंतर्गत, कुंडा में 72, पांडातराई में 66, बोड़ला व सहसपुर लोहारा में 65-65, कुकदुर में 22, भोरमदेव थाना अंतर्गत 8, रेंगाखार में 13, चिल्फ़ी में 8, सिंघपुरी में 7, तरेगांव में 5 और झलमला थाना अंतर्गत 1 प्रकरण दर्ज किया गया। वहीं 38 अन्य साइबर ठगी के प्रकरण हैं।
कुछ लोग तुरंत समझ गए कि वह साइबर ठगी के शिकार हो चुके हैं। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना किसी ने किसी माध्यम से पुलिस को दी, जिसके चलते ही कबीरधाम साइबर सेल की टीम ने65 लाख 92 हजार 924 रुपए खाते में ही होल्ड करा दिया। इससे यह राशि चक्र साइबर ठगों तक नहीं पहुंचा। वहीं कोर्ट के आदेश पर 19 लाख 29 हजार 653 रुपए पीड़ितों को वापस भी कराया गया।
किसी अजनबी के कहने पर अपना बैंक खाता, ओटीपी, मोबाइल नंबर या कोई भी आवश्यक दस्तावेज साझा न करें।
जल्दी पैसा कमाएं, फ्री फंड स्कीम, इनाम या निवेश जैसे प्रस्तावों से दूर रहें, पैसे ट्रांसफर से जुड़ी जॉब से सतर्क रहे।
किसी भी ऑनलाइन स्कीम में शामिल होने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें। नौकरी ऑफर में कंपनी, व्यक्ति की सच्चाई जांच लें।
कोई भी योजना जो असामान्य लाभ का वादा करे उसमें सावधानी रखें
ऑनलाइन सामान क्रय करते समय भी सावधानी बरतें।
यदि संदेह हो तो बिना देरी किए 1930 साइबर हेल्पलाइन या अपने नजदीकी थाना में सूचना दें।
डीएसपी साइबर सेल कृष्ण कुमार चंद्राकर ने बताया कि बड़ी संया में लोग जाने अनजाने में ही साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं। सावधानी ही सुरक्षा है। यदि आप ठगी के शिकार हुए हैं तो समय गंवाए बिना 1930 पर कॉल करें या स्थानीय थाने में रिपोर्ट करें। या फिर साइबरक्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। याद रखें जितनी जल्दी आप सूचना देंगे, उतना ही अधिक धन की रिकवरी और अपराध रोकने की संभावना होती है।