CG Fraud News: कवर्धा जिले में ठगों का गिरोह ठगी के लिए नए-नए तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। ठगी की हाइटेक तकनीक ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।
CG Fraud News: छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में ठगों का गिरोह ठगी के लिए नए-नए तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। ठगी की हाइटेक तकनीक ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। अब ऑनलाइन लोन उपलब्ध कराने वाले एप को लेकर तरह-तरह के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में सावधान रहने की आवश्यकता है।
CG Fraud News: मिनटों में ऑनलाइन लोन की चाहत में बर्बाद हो रहे हैं लोग। डाटा चोरी कर ब्लैकमेल कर रहे ठग। इसे गंभीरता से लेते हुए रिजर्व बैंक ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। पुलिस व साइबर क्राइम टीम भी ऑनलाइन लोन लेने वालों को सावधान रहने के लिए कह रही है। कुछ वर्षों में लोगों के बीच मिनटों में अपनी जरूरत के अनुसार ऑनलाइन लोन लेने का क्रेज बढ़ रहा है।
CG Fraud News: लोग अपने एंड्रायड पर कई बार लोन लेने के फिराक में नए-नए चीज की तलाश करते हैं और ऑनलाइन लोन उपलब्ध कराने वाले ठगों के झांसे में पड़ जाते हैं। ठगों का यह गिरोह ऑनलाइन केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करता है और इसके लिए एक मोबाइल एप लोन लेने वाले व्यक्ति के मोबाइल फोन पर डाउनलोड कराता है।
जैसे ही व्यक्ति इस एप को डाउनलोड करने के बाद प्रक्रिया को आगे बढ़ाता है और एप पर पूछे गए उस बिंदु पर अपनी सहमति देता है वैसे ही लोन लेने वाले मोबाइल का पूरा डाटा जिसमें उसका फोन नंबर, ईमेल आईडी, फोटो, वीडियो और मैसेज सहित अन्य तमाम निजी जानकारियां ठगों के पास सेकंड में पहुंच जाती है लेकिन इसका अंदाजा लोन लेने वालों को नहीं लगता।
ऑनलाइन लोन देने वाला गिरोह संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर ऐसा एप इंस्टाल करा रहा है जिससे उसकी पूरी डाटा चोरी की जा सके। इसके जरिए लोगों को ब्लैकमेल कर रहा है। प्रताड़ित कर परेशान कर रहा है। लोन की राशि जमा नहीं होने पर गिरोह चुराए गए नंबर पर फोन कर ग्राहक को अपमानित करता है।
उसकी पूरी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग करता है। कई बार लोग दुखी होकर गलत कदम उठा लेते हैं। यहां तक कि कांट्रेक्ट नंबर से उनके दोस्तों और परिजनों को भी धमकाया जाता है। गालियां दी जाती है।
गिरोह गूगल प्ले स्टोर के जरिए अपने एप्लीकेशन को डाउनलोड कराता है। एप इंस्टॉल करते समय ग्राहक का नाम, पता, अलावा उसका आधार और पेनकार्ड भी ले लेता है। जैसे ही ग्राहक इस मोबाइल एप को अपने फोन में डाउनलोड करने की अनुमति देता है। मोबाइल की पूरी जानकारी ठग गिरोह चोरी कर अपने पास रख लेता है।
लोन लेने का यह तरीका लोगों को काफी भारी पड़ता है। ठगों का गिरोह कर्जदार से 30 से 35 फीसदी तक सालाना ब्याज वसूल करता है। समय पर अगर राशि वापस नहीं हुई तो प्रति दिन 500 रुपए से लेकर तीन हजार रुपए तक का जुर्माना लगा देता है। इसके बाद भी यदि राशि नहीं मिली तो ठगों का गिरोह अपने कॉल सेंटर के माध्यम से संबंधितों को परेशान करता है। उनके साथ गाली-गलौज भी करता है। कई बार फोन पर धमकियां दी जाती है।
ठगी करने वाला यह गिरोह लोगों की मजबूरी का खूब फायदा उठाता है। उन्हें एक हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक का कर्ज देता है। कर्जदार द्वारा राशि लौटाने में देरी होने पर रिकवरी एजेंटों के जरिए प्रताड़ित करता है। यहां तक कि लोन की स्वीकृति के लिए मोबाइल में इस्टॉल कराए गए एप के माध्यम से डाटा की चोरी करता है और उनके परिचित या रिश्तेदारों को फोन लगाकर अपमानित करता है।