legal arms factories: निमाड़ अंचल के गांव अब देशी पिस्टल (desi katta) के अवैध निर्माण का अड्डा बन चुके हैं। सिकलीगर समुदाय के हाथों तैयार ये हथियार अब माफिया नेटवर्क में खपाए जा रहे हैं। (mp news)
illegal arms factories:एमपी का निमाड़ अंचल के कई गांव अब अवैध हथियार निर्माण के गढ़ बनते जा रहे हैं। बुरहानपुर, खरगोन, धार और बड़वानी जिलों के करीब पांच गांवों में देशी हथियारों की अवैध फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं। यहां सिकलीगरों ने इसे अपना मुख्य धंधा बना लिया है। 20 से 25 हजार रुपए में देशी पिस्टल (desi katta) बनाकर बेच रहे हैं। अब तक सात माह में पुलिस के हाथ 200 पिस्टल लगी है।
सिकलीगर समुदाय परंपरागत रूप से चाकू, दरांती, कुदाल जैसे खेती-किसानी में उपयोग होने वाले औजार बनाते रहे हैं। लेकिन बीते एक दशक में त्वरित मुनाफे ने इस व्यवसाय को अवैध रास्ते पर मोड़ दिया है। अब यही सिकलीगर देशी कट्टे और पिस्टल बनाने में माहिर हो गए हैं। खास बात यह है कि ये देशी पिस्टल कंपनी मेड ओरिजनल पिस्टल को भी मात दे रही है। देशी कट्टे से ज्यादा मांग पिस्टल की हो गई है। (mp news)
बुरहानुपर जिले का पाचोरी, खरगोन जिले का सिग्नूर, बड़वानी जिले का उमरी, पलसूद के पास उंगली खोदरी और जिला धार का गंधवानी गांव हैं। जहां पर सिकलीगर परिवार अवैध रूप से हथियार बनाने का काम करते हैं। इस तरह से करीब 70 से 30 परिवार इस अवैध काम में लगे हुए हैं। (mp news)
सिकलीगरों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। बुरहानपुर जिले में सिकलीगरों को लेकर एसपी व एएसपी ने अच्छा काम किया है। सिकलीगरों के बीच जाकर शिविर लगाए हैं। उनके बच्चे जो अच्छा काम कर रहे हैं उन्हें सम्मानित भी किया है। खरगोन व बड़वानी में जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही हथियार बनाने वाले सिकलीगरो के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जाती है।- सिद्धार्थ बहुगुणा, डीआइजी निमाड़ रेंज। (mp news)
सिकलीगरों को लेकर लगातार कार्रवाई में पुलिस को सफलता भी मिल रही है। बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर जिले में सात माह में पुलिस ने 200 से अधिक पिस्टल जब्त की है। इसके साथ ही करीब 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस द्वारा आरोपियों पर अब संगठित अपराध की बीएनएस की धारा 111 भी लगा रहे हैं। (mp news)
सिकलीगर हथियारों को बेचने में किसी कंपनी की तरह काम कर हैं। हथियार बनाने से लेकर बेचने से तक का काम बाट दिया है। हथियारों की मार्केटिंग के लिए करवाई जा रही है। यह बात सामने आने पर पुलिस ने भी जांच कर तरीका बदला है। डीआइजी का कहना है कि कच्ची सामग्री की सप्लाई चेन से लेकर हथियार बनाने, मार्केटिंग करने वाले, सप्लायर और बेचने वाले तक की पड़ताल की जा रही है। (mp news)