पत्रिका पत्रिका से चर्चा के दौरान रुपल ने कहा कि वह एलएलबी की पढ़ाई करने के बाद ज्यूडिशियल सर्विस में जाने का फैसला इस लिए नहीं लिया कि जजों की जिंदगी समाज से दूर हो जाती है। उन्हें एक चैम्बर तक सीमित रहना पड़ता है।
सिविल इंजीनियर की बेटी रुपल जायसवाल ने यूनियन पब्लिक कमीशन ( यूपीएससी ) की परीक्षा पास की है। रुपल ने यह परीक्षा बगैर कोचिंग क्लीयर कर 512 वीं रैंक हासिल किया है। मुंबई के एक लॉ फर्म में नौकरी छोडऩे के बाद रुपल ने सिविल सर्विस में नौकरी करने का अपना सपना पूरा कर लिया।
पत्रिका पत्रिका से चर्चा के दौरान रुपल ने कहा कि वह एलएलबी की पढ़ाई करने के बाद ज्यूडिशियल सर्विस में जाने का फैसला इस लिए नहीं लिया कि जजों की जिंदगी समाज से दूर हो जाती है। उन्हें एक चैम्बर तक सीमित रहना पड़ता है। यूपीएससी में जनता के बीच में रहकर कार्य करने का मौका मिलेगा। इस लिए यूपीएससी को चुना।
शहर के महादेवी नगर निवासी रुपल खंडवा में स्कूलिंग की इसके बाद बीए और एलएलबी की पढ़ाई पुणे में पूरी की। मुंबई के एक लॉ फर्म में 22 लाख रुपए के पैकेज पर नौकरी कर ली। वर्ष 2020 में नौकरी छोडऩे के बाद मुंबई हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू किया। वर्ष 2022 में घर आने के बाद साल तक यूपीएससी की तैयारी शुरु की। तीन माह की तैयारी में वर्ष 2023 के एग्जाम में सफलता नहीं मिली। रुपल सफलता नहीं मिलने के बाद दूसरी बार सफलता हासिल कर खंडवा का नाम रोशन किया।
-रुपल का कहना है कि घर पर रूटीन समय के समय ही पढ़ते थे। चौबीस घंटे में सिर्फ सात से आठ घंटे पढ़ाई की। कई बार मन नहीं लगने पर डागी को लेकर दोस्तों के साथ घर से बाहर निकती। यूपीएससी के टॉपर्स के सिलेबस की स्टडी की। पहली बार सिर्फ तीन माह पढ़ाई की। सफलता नहीं मिली। दूसरी बार पूरे डेढ़ से दो साल तक पढ़ाई में हार्ड वर्क किया। और घर पर ही नियमित पढ़ने का शेड्यूल तैयार किया। स्वयं हार्ड वर्क करने के साथ ही घर में मां लता जायसवाल और पिता इंजीनियर डीके जायसवाल और भाई इंजीनियर हर्ष जायसवाल ने पढ़ने का माहौल दिया।