official language: पद्मश्री साहित्यकार जगदीश जोशीला ने निमाड़ी को राजभाषा का दर्जा दिलाने की अपील की। उन्होंने कहा, हर निमाड़ी को अब एकजुट होकर आवाज़ उठानी होगी।
official language: राष्ट्रपति से पद्मश्री सम्मान प्राप्त करने के बाद निमाड़ लौटे निमाड़ी लोक भाषा के साहित्यकार जगदीश जोशीला (Padma Shri Jagdish Joshila) का नगर परिषद परिसर में स्वागत किया गया। परिषद अध्यक्ष विश्वदीप मोयदे एवं सीएमओ संजय रावल ने पद्मश्री का शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। जोशीला ने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी मातृभाषा को बोलने में झिझक महसूस नहीं होना चाहिए। निमाड़ी को राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं।
निमाड़ी लोक भाषा का व्याकरण मंडलेश्वर के साहित्यकार स्व. महादेव प्रसाद चतुर्वेदी द्वारा तैयार किया गया था। हमने निमाड़ी व्याकरण शब्दकोश और उसका मानक स्वरूप तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा है। राजभाषा का दर्जा देने का काम राज्य सरकार का है। हमने 2010 में राज्य सरकार को भी आवेदन दिया था। लेकिन आज तक निमाड़ी को राजभाषा का दर्जा नहीं मिल सका है। निमाड़ी को राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए हर निमाड़ी को आगे आना होगा।
जब तक डेढ़ करोड़ की आबादी वाले निमाड़ में एक करोड़ लोग निमाड़ी के झंडे तले नहीं आते तब तक निमाड़ी को राजभाषा का दर्जा नहीं मिल सकता। निमाड़ी को राजभाषा बनाने के लिए मेरा संघर्ष जारी रहेगा। इसके हर निमाड़ वासी का सहयोग अपेक्षित है। इस अवसर पर अनिलोप के अध्यक्ष कवि हरीश दुबे, साहित्यकार विजय जोशी शीतांशु, पूर्व अध्यक्ष जीवन लाल शर्मा, मुकेश पटेल, महिला इकाई अध्यक्ष तरुणा तवर, निर्मला रोकड़े, संगीता जैन, निर्मल कौर, प्रीति डोंगरे, सीमा पगारे, साहित्यकार कवि विष्णु फागना, संतोष मोयदे, लेखक दुर्गेश राजदीप, राजेश पवार, नवीन कुमार सहित आमजन ने स्वागत किया