Siyaram Baba :सियाराम को लोग ऐसे ही चमत्कारी नहीं कहते। चाहे कड़ाके की सर्दी हो या फिर झुलसा देने वाली गर्मी बाबा हमेशा सिर्फ एक लंगोट में ही रहते थे।
Siyaram Baba : निमाड़ के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा(Siyaram Baba Death News) ने बुधवार को हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। पिछले कुछ दिनों से निमोनिया के चलते वे बीमार थे। बता दें कि सियाराम बाबा(Miraculous Baba) को लोग चमत्कारी संत के रूप में पूजते हैं। इनकें चमत्कारों के चलते भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर से लोग इनके दर्शन के लिए आते-रहते हैं। जानिए आखिर क्यों कहा जाता है बाबा को चमत्कारी…
खरगोन(Khargone) में नर्मदा के तट पर मौजूद तेली भट्यान में बाबा सियाराम अपने आश्रम में रहते थे। वहां के लोगों का कहना है कि बाबा लगभग 50 साल पहले महाराष्ट्र से यहां आए थे। बाबा की उम्र 100 साल से भी ज्यादा थी। सियाराम बाबा हनुमान जी को पूरे मन से पूजते थो। इस उम्र में भी बाबा रोजाना घंटों तक रामायण की चौपाई पढ़ते थे।
सियाराम बाबा(Siyaram Baba) का चाय और केतली वाला किस्सा लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है। भक्तों का कहना है कि, बाबा जब भी लोगों को चाय देते है तो उनकी केतली की चाय कभी खत्म नहीं होती।
बाबा सियाराम(Siyaram Baba) को लोग ऐसे ही चमत्कारी नहीं कहते। चाहे कड़ाके की सर्दी हो या फिर झुलसा देने वाली गर्मी बाबा हमेशा सिर्फ एक लंगोट में ही रहते थे। भक्तों का कहना है कि, उन्होंने कभी भी बाबा को लंगोट के अलावा किसी और कपड़ें में नहीं देखा। कहा जाता है कि बाबा ने 10 सालों तक खड़े होकर तपस्या की और योग साधना के दम पर खुद को हर मौसम के अनुकूल ढाल लिया है।
कुछ सालों पहले सोशल मीडिया पर बाबा के चमत्कार का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा था। वीडियो में दावा किया जा रहा था कि, बाबा ने बिना माचीस के ही दिया जला लिया था। हालांकि की पत्रिका इस बात की पुष्टि नहीं करता है।
सियाराम बाबा को लेकर यह बात भी प्रचलित है कि बाबा लगातार 21 घंटों तक रामायण की चौपाई पढ़ते है। हैरानी की बात ये है कि इन चमत्कारी संत की उम्र 100 साल से भी ज्यादा है लेकिन फिर भी बिना चश्में के बाबा 21 घंटों तक रामायण का पाठ करते थे।
सियाराम बाबा की खास बात ये भी है कि ये अपने किसी भी भक्त से 10 रुपए से ज्यादा का चढ़ावा नहीं लेते। कहा जाता है कि एक बार उनके पास एक विदेशी भक्त आया था, जिसने 500 रुपए बाबा को चढ़ाए। बाबा ने 10 रुपए रखकर बाकि पैसे उस भक्त को लौटा दिया।