Nano Fertilizer Forced Sale: बिक्री केन्द्रों पर खाद उसी शर्त पर देते हैं, जब डीएपी के साथ 600 रुपए का 500 एमएल का नैनो डीएपी (तरल) एवं यूरिया के साथ 225 रुपए का नैनो यूरिया लेंगे।
कानाराम मुण्डियार
किशनगढ़ में नकली खाद के आरोप में कई फैक्टरियों की सीज कार्रवाई के बीच खाद बिक्री में एक और बड़ा खेल सामने आया है। क्रय-विक्रय सहकारी समितियों व इफको के बिक्री केन्द्रों पर सब्सिडी की खाद खरीद पर किसानों को नैनो (तरल) खाद जबरन थमाया जा रहा है।
किसानों को सब्सिडी वाला इफको का डीएपी बैग 1350 रुपए एवं इफको यूरिया बैग 266.50 रुपए में अधिकृत बिल से दिया जा रहा है, लेकिन बिक्री केन्द्रों पर खाद उसी शर्त पर देते हैं, जब डीएपी के साथ 600 रुपए का 500 एमएल का नैनो डीएपी (तरल) एवं यूरिया के साथ 225 रुपए का नैनो यूरिया लेंगे। किशनगढ़ के मिल रोड, चमड़ाघर के केन्द्रों पर काम करने वाले प्रतिनिधि किसानों को तरल खाद खरीदने को बाध्य करते हैं और उन्हें तरल बिक्री के बतौर समिति का पक्का बिल तक नहीं दे रहे हैं। कच्ची रसीदों पर ही नैनो खाद दिया जा रहा है। बिक्री केन्द्र के प्रतिनिधियों का कहना रहा कि उनको यह बेचने के आदेश ऊपर से ही हैं। ज्ञात है कि सब्सिडी की खाद के साथ नैनो खाद जबरन बेचने का मामला पूर्व में विधानसभा में भी उठ चुका है।
नैनो खाद के जनक वैज्ञानिक डॉ. रमेश रलिया के अनुसार सहकारी केन्द्रों पर गुणवत्ता वाले उत्पाद की जबरन बिक्री न केवल किसानों को आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान करती है, बल्कि नवीन तकनीकों के प्रति अविश्वास भी पैदा करती है। इसे थोपा नहीं जाना चाहिए। गुण व फायदे बताकर किसानों को प्रोत्साहित करना चाहिए। साथ ही किसान प्रमाणिकता जांच के बाद ही खाद की खरीद करें।
सरकार की मंशा किसानों को उन्नत किस्म के न्यू एज के खाद यानी नैनो तरल खाद के लिए प्रोत्साहित करना है। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक नैनो खाद पर सब्सिडी नहीं दी गई है। इसलिए किसान इस खरीद को बोझ मानते हैं।
किशनगढ़ के मिल रोड चौराहे की दुकान पर मुण्डौती के किसान रामेश्वर ने कहा कि मजबूरी में नैनो खाद भी खरीदनी पड़ रही है। किसानों से सब्सिडी की खाद के साथ नैनो खाद की बोतल जबरन बेचकर अतिरिक्त वसूली की शिकायतें प्रदेश भर से आ रही है। कृषि विभाग व सहकारिता विभाग के मुख्यालय अधिकारियों ने इस ओर गंभीरता नहीं दिखाई हैं।
सब्सिडी की खाद के साथ नई तकनीक की नैनो तरल खाद बिक्री के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए समितियों को निर्देश दे रखे हैं। लेकिन यह वैकल्पिक है। किसी को जबरन देने की कोई जानकारी नहीं मिली है।
सुधीर मान, राज्य विपणन अधिकारी, इफको, जयपुर