CG School News: कोरबा जिले में प्राथमिक, माध्यमिक, हाई और हायर सेकेंडरी के लगभग 2300 सरकारी स्कूल संचालित हैं। इसमें से 705 स्कूलों में बाउंड्रीवाल की सुविधा तक नहीं है।
CG School News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में प्राथमिक, माध्यमिक, हाई और हायर सेकेंडरी के लगभग 2300 सरकारी स्कूल संचालित हैं। इसमें से 705 स्कूलों में बाउंड्रीवाल की सुविधा तक नहीं है। सबसे अधिक 507 प्राथमिक स्कूलों में आहात विहीन है। जिला प्रशासन ने नए शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले जर्जर स्कूलों की मरमत और बाउंड्रीवाल की सुविधा दुरूस्त करने का निर्णय लिया था।
CG School News: शिक्षा सत्र शुरू हो गए और अब आधा सत्र गुजर गया हैं। लेकिन बाउंड्रीवाल का निर्माण कार्य शुरू तक नहीं करा जा सका है। बगैर बाउंड्रवाल वाले स्कूल के भू-ांड पर अवैध कब्जाधारियों की नजर बनी हुई है। जमीन से जुड़े कारोबारियों ने कई स्कूल के आसपास झुग्गी-झोपड़ी बनाकर कर कब्जा कर लिया है। इससे स्कूल और खेल मैदान का दायरा सिमटता जा रहा है।
बच्चों के खेल-कूद के लिए जगह कम पड़ रही है। दूसरी तरफ खुले मैदान में खेल-कूद करने वाले बच्चों को मवेशी सहित अन्य जानवरों के हमला करने का डर सता रहा है। इसके अवाला सुरक्षा व्यवस्था के अभाव में असामाजिक तत्वों की नजर इन स्कूलों पर है। गौरतलब है कि कई स्कूलों में चोरी की घटनाएं हो चुकी है। इससे विभाग को लाखों रुपए को नुकसान हुआ है। चोरी की घटना के बाद से इन स्कूलाें के विद्यार्थियों की सुविधा भी छीन गई है।
गौरतलब है कि सर्वमंगला नगर दुरपा स्थित स्कूल में कुछ माह में पहले कंप्यूटर सहित अन्य शिक्षा सामाग्रियों की चोरी हुई थी। बावजूद इसके विभागीय अफसर इसे लेकर गंभीर नहीं है। स्थिति यह है कि बाउंड्रीवाल निर्माण कार्य की प्रक्रिया अब शुरू करने पर भी विद्यार्थियों को वर्तमान शिक्षा सत्र में सुविधा मिलना संभव नहीं है। हालांकि इससे नए शिक्षा सत्र के विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।
जिले के 705 सरकारी स्कूलों में बाउंड्रीवाल नहीं है। इसकी वहज से स्कूल के भू-खंड का दायरा अवैध कब्जाधारियों की नजर हैं, तो वहीं खेल मैदान में मवेशी सहित अन्य जानवरों के विचरण करने से छात्र-छात्राआें के साथ हादसे का डर बना हुआ है। इसे लेकर अभिभावकों में नाराजगी है।
बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन की ओर से हर साल कार्ययोजना बनाई जाती है। शिक्षा सत्र गुजर जाने के बाद भी योजना पर अमल नहीं होती है। इसकी वजह से अभिभावकों में निराशा है। इस व्यवस्था के कारण कुछ स्कूलों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संया में गिरावट भी आने लगी है।
स्कूलों में पर्याप्त सुविधा नहीं होने की वजह से अभिभावकों ने जिला शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन से कई बार शिकायत की है। लेकिन शिकायत का समय पर समाधान नहीं हो रहा है। इसे लेकर अभिभावकों में नाराजगी है। यह स्थिति तब है जब जिला प्रशासन या प्रदेश सरकार के पास स्कूलों को लेकर राशि की कमी नहीं है।
स्कूल के भू-खंड में अवैध कब्जा और बाउंड्रीवाल के अभाव में विद्यार्र्थ्यों को भाग-दौड़ खेल जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, कबड्डी, हॉकी सहित अन्य खेलों के खेलने में असुविधा हो रही है। इससे उत्कृष्ट खिलाड़ी भी अपनी स्पर्धा को बेहतर नहीं कर पा रहे हैं और जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के स्पर्धाओं में शामिल होने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं।
स्कूल अहाता विहीन
प्राथमिक 510
पूर्व माध्यमिक 113
हाईस्कूल 46
हायर सेकेंडरी 36