Korba News: मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण की बैठक में सीएम विष्णु देव साय ने बुका और सतरेंगा को लेकर बड़ी घोषणा की है। उन्होंने वन विभाग को प्रस्ताव तैयार करने को कहा है।
Korba News: मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण की बैठक में सीएम विष्णु देव साय ने बुका और सतरेंगा को लेकर बड़ी घोषणा की है। उन्होंने वन विभाग को प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। दो महीने के भीतर एक बड़ा प्रस्ताव तैयार किया जाएगा और इसे सरकार से स्वीकृति मिलेगी।
बुका, सतरेंगा को बड़े पैमाने पर पर्यटन स्थल के तौर पर डेवलप करने की यह कोई पहली घोषणा नहीं है। इसके पहले भी बीते एक दशक के दौरान कई ऐसी घोषणाएं हो चुकी हैं, जो धरातल पर नहीं उतरी भाजपा और कांग्रेस सरकार में सतरंग को अंतरराष्ट्रीय टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर डेवलप करने की घोषणाएं की गई थी। तत्कालीन कलेक्टर किरण कौशल और रानू साहू के कार्यकाल में राशि खर्च भी की गई। रंग रोगन किया गया, फिलहाल यहां होटल का संचालन हो रहा है। लेकिन वास्तविकता यह है कि जहां, अंतरराष्ट्रीय वॉटर स्पोर्ट्स की सुविधाएं डेवलप करने की बात तो हुई लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। वहां अब बोट क्लब भी पूरी तरह से बंद है।
स्थानीय ग्रामीण अपनी स्वदेशी नाव पर ही पर्यटकों को पानी की सैर कराते हैं। अन्य सुविधाएं भी फिलहाल बंद हैं। वैसे तो कोरबा को प्रदेश की ऊर्जाधानी कहा जाता है। ऊर्जा ही शहर की पहचान है। लेकिन यहां बुका और सतरेंगा जैसे खूबसूरत पर्यटन स्थल भी हैं, जो पर्यटकों को लगातार अपनी ओर आकर्षित करते हैं। भोजना तक कि सुविधा नहीं होने के बावजूद भी यहां लगभग सभी मौसम में पर्यटक दूर-दूर से पहुंचते हैं। न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि प्रदेश के बाहर से भी लोग यहां घूमने आते हैं और प्राकृतिक खूबसूरती देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
बुका और सतरेंगा में बांगो बांध के डुबाने क्षेत्र की जलराशि दूर-दूर तक फैली हुई है, जो इतनी अधिक मात्रा में है कि यहां क्रूज उतार कर भी उसे चलाया जा सकता है। दूर-दूर तक फैला खूबसूरत पानी मॉरीशस की याद दिलाता है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ की सरकारों में बैठे जिम्मेदार अधिकारी, नेता इसकी खूबसूरती से आकर्षित होकर घोषणाएं कर देते हैं। लेकिन ज्यादातर घोषणाएं पूरी नहीं होता।
पूर्व में सतरंगा में मोटर बोट उतारे गए थे। बड़ी और छोटी हर तरह के बोटिंग की सुविधा यहां पर थी। लगभग 15 से 20 लोगों के एक साथ नदी में भ्रमण करने के लिए बड़े वोट के साथ ही दो और चार लोगों के एक साथ बैठकर तेज रफ्तार में चलने वाली जेटी बोट को भी यहां लाया गया था। लेकिन एक बार यह सभी बोट जब खराब हुई, तब जिस कंपनी से इन्हें खरीदा गया था। उसने इसमें सुधार कार्य नहीं किया। जिसका नतीजा यह हुआ कि सतरेंगा का बोट क्लब अब लगभग पूरी तरह से बंद हो चुका है। यहां मोटर बोट से बोटिंग पूरी तरह से बंद है।
बुका और सतरेंगा के संबंध में मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में सीएम विष्णु देव साय ने कहा है कि इन दोनों स्थानों में पर्यटन विकास के लिए वन विभाग को प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। दो महीने के भीतर प्रस्ताव तैयार होगा, और जो प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। उसे स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
● बुका में मौजूद अलग-अलग टापू पर रिजॉर्ट बनाकर इसे ठहरने लायक बनाया जाएगा।
● बुका सतरेंगा और टिहरीसरई को आपस में जोड़ा जाएगा।
● गोवा की तर्ज पर सतरेंगा में क्रूस उतारा जाएगा, जिसमें सभी सुविधाएं होंगी।
● सतरेंगा में अंतरराष्ट्रीय टूरिस्ट स्पॉट की तर्ज पर सुविधाओं का विकास होगा।
● विश्व स्तरीय वॉटर स्पोर्ट्स की स्थापना होगी।
● नदी के बीच पार्टी के लिए ग्लास हाउस का निर्माण।
● सतरेंगा को हवाई मार्ग से जोड़ने के लिए हैलीपेड।