Elephant Terror: छत्तीसगढ़ में लगातार हाथियों का आतंक देखने को मिल रहा है। आए दिन गजराज उत्पात मचा रहे है। बता दें कि रायगढ़ जिले में करीब 50 हाथियों का दल क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं।
Korba News: कटघोरा वनमंडल में भालू के साथ-साथ अभी हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है। वनमंडल में 51 हाथी केंदई और पसान वन परिक्षेत्र में चल रहे हैं। इसमें बेबी एलिफेंट भी शामिल हैं। शाम होते ही कटघोरा वनमंडल में हाथियों का यह झुंड घने जंगल से निकल जाता है। कई बार भोजन की तलाश में रिहायशी इलाकों के करीब पहुंच जाता है।
झुंड का सामना ग्रामीणों से होता है और उनके बीच टकराव की स्थिति बनती है। हाथी खुद के बचाव में लोगों को मार देते हैं। वन विभाग ने लोगों से कहा है कि शाम के समय झुंड के दिखने पर करीब जाने से बचें।
विभाग के एक अफसर ने बताया कि अक्सर यह देखा जाता है कि शाम के समय कई लोग शराब के नशे में हाथियों करीब पहुंच जाते हैं। इन लोगों को समझाने की कोशिश जब भी वन विभाग की ओर से की जाती है तब लोग आक्रोशित होकर वन विभाग के कर्मचारियों को ही भला-बुरा कहने लगते हैं। इस स्थिति में वन विभाग के कर्मचारी खुद को असहज महसूस करते हैं। विभाग के कर्मचारियों की सलाह को अनदेखी कर लोग झुंड के करीब पहुंच जाते हैं इस स्थिति में हमेशा अनहोनी की आशंका बनी रहती है।
हाल ही में, कटघोरा वन मंडल के पसान वन क्षेत्र स्थित तनेरा तालाब के पास लगभग तीन दर्जन हाथियों को विचरण करते और जल क्रीड़ा करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस वीडियो में हाथियों की गतिविधियों को देखकर यह स्पष्ट होता है कि कोरबा के जंगलों में वन्य जीवन अत्यंत समृद्ध है। हाथियों का यह सहज व्यवहार न केवल वन्यजीव प्रेमियों को आकर्षित कर रहा है, बल्कि यह क्षेत्र की जैव विविधता को भी दर्शाता है।
हाथियों की सक्रियता को देखते हुए, वन विभाग ने इन गजराजों पर नजर रखने के लिए विशेष टीम का गठन किया है। विभाग के अधिकारियों ने किसानों और ग्रामीणों से सलाह दी है कि वे हाथियों के साथ छेड़छाड़ न करें और न ही उनके पास जाने का प्रयास करें। ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां हाथियों का आना-जाना सामान्य है, वहां सुरक्षा की दृष्टि से सतर्कता बरतने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।