CG freedom fighter: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की यादें शिलालेख तक सीमित, पीडि़त परिवार 39 साल से जमीन का मालिकाना हक पाने संघर्ष कर रहा, नहीं हो रही कहीं भी सुनवाई
बैकुंठपुर/मनेंद्रगढ़. CG freedom fighter: देश को अंग्रेजों की गुलामी के चंगुल से छुड़ाने की लड़ाई में हिस्सा लेने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. मौजीलाल जैन का परिवार आज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। भारत सरकार से स्वतंत्रता सेनानी (CG freedom fighter) को मिली जमीन को दबंगों से आजाद कराने पुत्रवधु और पोता परेशान हैं। मामले में प्रशासनिक कार्यप्रणाली के कामकाज से थक हार कर बुधवार को जय स्तंभ चौक के पास टेंट लगाकर पुत्रवधु और पोता आमरण अनशन पर बैठ गए।
मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में स्वतंत्रता सेनानी स्व. मौजीलाल जैन का परिवार 14 अगस्त को आमरण-अनशन पर बैठने को लेकर दया जैन व पोता विशाल जैन सोमवार को कलेक्टोरेट सूचना पहुंचे थे। निर्धारित समय पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने पर आमरण-अनशन पर बैठ गए हैं।
उन्होंने बताया कि मनेन्द्रगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. मौजीलाल जैन को भारत सरकार की ओर से वर्ष 1974-75 में सम्मान के रूप में जमीन दी गई थी। लेकिन आज तक वह जमीन वारिसों को नहीं मिली है। इससे परिवार दर-दर भटकने को मजबूर है।
स्वतंत्रता सेनानी की बहू व पोते कलेक्टर, एसडीएम को अर्जी देकर सम्मिलित खाते की भूमि में हक दिलवाने गुहार लगा चुके हैं। वहीं शाम तक पुत्रवधु और पोता के समर्थन में आप पार्टी कार्यकर्ता व स्थानीय नागरिक आमरण अनशन स्थल पर पहुंचे।
बहू दया जैन ने बताया कि मेरे ससुर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. मौजीलाल जैन को भारत सरकार से वर्ष 1974-75 में ग्राम पंचायत लाई (विकासखंड मनेंद्रगढ़) में 2.023 हेक्टेयर भूमि मिली थी। इसे गांव के दबंगों ने कब्जा कर लिया है। जब मेरे बच्चे वहां जाते हैं तो जान से मारने की धमकी देकर भगा देते है।
वहीं उनके बेटे कैलाश चन्द्र जैन का भी कोरोना काल में निधन हो गया है। ऐसे में 2 बेटों के सामने गुजर-बसर की समस्या खड़ी हो गई है। बड़ा बेटा अमित जैन मानसिक रूप से बीमार है।
तात्कालीन मध्य प्रदेश शासन द्वारा आजादी के दीवानों को सम्मान देने मनेन्द्रगढ़ शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रांगण में एक शिलालेख लगाया गया है। इसमें मनेन्द्रगढ़ के 2 सेनानी स्व. रमेश चंद्र दत्ता एवं स्व. मौजीलाल जैन का नाम अंकित है। इनके नाम सरगुजा गजेटियर में भी शामिल है।
स्वतंत्रता सेनानी स्व. मौजीलाल का वर्ष 1985 में निधन हो गया। उसके बाद से उनके परिवार को आवंटित भूमि का कब्जा नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान में आजादी के नायक स्वं मौजीलाल जैन की यादें सिर्फ शिलालेख में सिमट कर रह गई हैं। वहीं प्रशासनिक कार्यप्रणाली के कारण स्वतंत्रता सेनानी उनका परिवार दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
मनेंद्रगढ़ एसडीएम लिंगराज सिदार ने बताया कि परिवार को वर्ष 1974-75 में जमीन मिली थी। उसके बाद से परिवार के पास जमीन का नक्शा नहीं है। अनावेदक, आवेदक कितने लोग हैं, पता नहीं है। सारे पक्षों को सुनने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल मामला न्यायालयीन प्रक्रिया में है। परिवार को भी सारी बातें समझाई गई है।