कोरीया

Tiger death case: रायपुर व सरगुजा से पहुंची एक्सपर्ट की टीम, पीएम के बाद हुआ दाह संस्कार

Tiger death case: गुरु घासीदास नेशनल पार्क के कोरिया वनमंडल स्थित प्रशासनिक कामकाज वाले ऑरेंज एरिया में मिला था बाघ का शव, कड़ी सुरक्षा में पीएम के बाद कराया दाह संस्कार

3 min read
Tiger cremation

बैकुंठपुर। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और कोरिया वनमंडल के बीच ऑरेंज एरिया में नर बाघ का शव मिला था। शनिवार को कड़ी सुरक्षा में 3 वेटनरी ऑफिसर से शव का पीएम कराया गया। वहीं रायपुर व सरगुजा से पहुंची एक्सपर्ट टीम की मौजूदगी में बाघ का नदी में दाह संस्कार (Tiger death case) करा दिया गया है। रायपुर से खोजी कुत्ते के साथ संरक्षण शाखा प्रमुख संदीप सिंह और सरगुजा सीसीएफ पहुंचे थे। उनकी निगरानी में पूरी प्रक्रिया हुई। पीएम रिपोर्ट आने के बाद बाघ की मौत के कारणों का खुलासा होगा। बाघ के शव वाले स्थल से लेकर आसपास एरिया को बेरिकेडिंग करा आवाजाही बंद कराई गई है।

Tiger dead body found in Koria

गौरतलब है कि 8 नवंबर को दोपहर बाद सोशल मीडिया में बाघ की मौत की तस्वीरें वायरल हुई थी। वनांचल रामगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत देवसिल मार्ग पर खनकोपर नदी (बडग़ांव पुल) के पास बाघ का शव मिला था। सूचना मिलने के बाद कोरिया वन मंडल और गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के अफसर मौके पर पहुंचे थे।

Forest experts team on the spot

मामले में तत्काल बाघ के शव (Tiger death case) के चारों ओर बेरिकेडिंग कराई गई थी। सरगुजा सीसीएफ रात करीब 8 बजे रात घटना स्थल पहुंच गए थे। हालांकि, सोशल मीडिया में भी बाघ के नाखून, आंखें, मूंछें गायब होने की बात खूब चली थी।

बाघ के मूवमेंट का पता नहीं लगा पाई फॉरेस्ट टीम, दुर्गंध आने पर दौड़े

मृत बाघ पूर्ण वयस्क नर है। बाघ की मौत के 2-3 दिन बाद दुर्गंध आने के बाद वन अमले को जानकारी मिली। मामले में कोरिया वनमंडल और गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में बाघ की निगरानी पर भारी लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं। जहां बाघ का शव मिला है, वह ऑरेंज एरिया में स्थित है।

जानकारी बताते हैं कि आजादी के बाद वन क्षेत्र के सीमांकन से छूटे क्षेत्र को ऑरेंज एरिया कहते हैं। हालांकि वह ऑरेंज एरिया कोरिया वनमंडल के सोनहत परिक्षेत्र में ही आता है।

स्पॉट से करीब 1 किलोमीटर दूर नेशनल पार्क की सीमा शुरू होती है। जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से 80 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम कटवार देवसिल के पास निकलने वाले नाले के पास बाघ का शव मिला है।

Tiger dead body

वनपरिक्षेत्र प्रभारी मुख्यालय से रहते हैं नदारद

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और कोरिया वनमंडल में जंगल की निगरानी करने वनपरिक्षेत्र प्रभारी बनाए गए हैं। लेकिन अधिकांश परिक्षेत्र प्रभारी अपने मुख्यालय में नहीं रहते हैं। कोई अपने घर तो कोई शहर से आना-जाना करते हैं। जबकि मध्यप्रदेश के संजय गांधी नेशनल पाके से सीमा लगे होने के कारण बाघों की आवाजाही लगातार बढ़ती जा रही है।

वहीं गुरु घासीदास को टाइगर रिजर्व बनाने की प्रक्रिया चल रही है। बावजूद बाघों के विचरण की जानकारी नहीं रख पा रहे हैं। यही कारण है कि मृत बाघ के शव से दुर्गंध आने के बाद वन विभाग को जानकारी मिली। ग्रामीणों के अनुसार 2-3 दिन से बाघ का शव उसी स्थान पर पड़ा हुआ था।

Tiger death case: बाघ का करा दिया है अंतिम संस्कार

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया के संचालक सौरभ सिंह ठाकुर का कहना है कि नेशनल पार्क की सीमा से बाहर एक नर बाघ का शव मिला है। रायपुर के एक्सपर्ट टीम पहुंची है। उनकी निगरानी में पीएम के बाद दाह संस्कार कराया गया है।

Published on:
09 Nov 2024 06:30 pm
Also Read
View All

अगली खबर