Tobacco crime: जून 2020 में तात्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने लिया था सैंपल, जांच के लिए भेजा गया था राज्य खाद्य प्रयोगशाला रायपुर, न्याय निर्णयन अधिकारी मनेंद्रगढ़ ने सुनाया अहम फैसला
बैकुंठपुर. खाद्य एवं औषधिक प्रशासन की जांच में राजश्री पान मसाला (Tobacco crime) अमानक पाया गया। इस मामले में इसकी बिक्री करने वाले 2 व्यापारियों पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। न्यायालय न्याय निर्णय अधिकारी ने दोनों को 5-5 लाख जुर्माना राशि भुगतान करने आदेश पारित किया है। न्यायालय ने सख्त चेतावनी भी दी है कि यदि दोबारा ऐसा करते पाए गए तो 10-10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
तत्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी सागर दत्ता ने 6 जून 2020को मनेंद्रगढ़ स्थित फर्म मुकेश कुमार अग्रवाल, प्रोपराइटर गणपति शंकर अग्रवाल से खाद्य पदार्थ केसी ग्रुप राजश्री पान मसाला (Tobacco crime) का सैंपल कलेक्शन कर राज्य खाद्य प्रयोगशाला रायपुर जांच कराने भेजा था। यहां सैंपल को अमानक घोषित कर दिया गया था।
मामले में मेसर्स मुकेश अग्रवाल ने गाजियाबाद फूड रिसर्च एंड लैब में जांच कराई थी। इसमें लैब ने राजश्री पान मसाला को स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित (Tobacco crime) घोषित किया गया था। प्रकरण को लेकर अभिहित अधिकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन मनेंद्रगढ़ की स्वीकृति लेकर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
आरोपी गणपति शंकर लाल अग्रवाल और अनिल कुमार चौरसिया को नोटिस जारी होने के बाद 18 मार्च 2023 को न्यायालय में पेश हुए। साथ ही अपना जवाब प्रस्तुत किया गया।
न्यायालय निर्णयन अधिकारी ने प्रकरण (Tobacco crime) की सुनवाई कर फर्म मेसर्स मुकेश कुमार अग्रवाल बस स्टैंड मनेंद्रगढ़ और खाद्य वितरक एवं थोक विक्रेता अनिल चौरसिया गुदरी बाजार अंबिकापुर पर 5-5 लाख जुर्माना ठोंका है। आरोपियों को निर्धारित तिथि के भीतर अतिरिक्त दंडाधिकारी एवं न्याय निर्णयन अधिकारी के नाम पर बैंक ड्रॉफ्ट जमा करना होगा।
मामले (Tobacco crime) में अतिरिक्त दंडाधिकारी एवं न्याय निर्णयन अधिकारी मनेंद्रगढ़ ने आदेश में चेतावनी देकर उल्लेख किया है कि भविष्य में ऐसा कृत्य की पुनरावृत्ति होने पर आरोपियों के खिलाफ 10-10 लाख जुर्माना ठोंका जाएगा।
क्योंकि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 26(2)(द्वितीय) का उल्लंघन की पुष्टि पाए जाने के कारण धारा 57 अपद्रव्य रखने के लिए शास्ति, जहां ऐसा अपद्रव्य स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, वहां 10 लाख जुर्माने का प्रावधान है।