कोटा

Mandi News: राजस्थान की इस मंडी में अव्यवस्थाओं से परेशान हुए किसान, खुले आसमां में रात बिताने को मजबूर

भामाशाह मंडी में अव्यवस्थाओं के कारण किसान अपनी उपज बेचने के लिए सड़कों पर खुले आसमान में रात बिता रहे हैं। प्रशासन ने अधिक आवक के चलते एंट्री बंद कर दी है, जिससे किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

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Nov 15, 2025
Photo: Patrika

Kota Bhamashah Mandi: भामाशाह मंडी में इन दिनों हालात यह हैं कि अन्नदाता अपनी ही उपज बेचने के लिए रात-दिन सड़कों पर ठिठुर रहे हैं। मंडी में आवक अधिक होने के कारण प्रशासन ने एंट्री बंद कर दी। ऐसे में सैकड़ों किसान अपनी ट्रॉलियों और ट्रकों में भरे धान व अन्य जिंस की रखवाली करते हुए खुले आसमान के नीचे रातें बिता रहे हैं।

कोई ट्रैक्टर की स्टीयरिंग पर ही झपकी ले रहा है तो कोई धान की बोरियों पर कंबल ओढ़कर सोने को मजबूर है। मंडी प्रशासन की अव्यवस्था का खमियाजा इन किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

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पत्रिका टीम गुरुवार रात जब भामाशाह मंडी पहुंची तो करीब एक किलोमीटर लंबी कतार में पांच सौ से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉली और ट्रक खड़े नजर आए। कई किसान दो-दो दिन से मंडी के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। सर्दी बढ़ने के बावजूद अधिकांश किसानों के पास पर्याप्त गर्म कपड़े नहीं थे, क्योंकि वे सुबह गर्म मौसम में निकले थे।

किसान को तो पहले अपनी फसल को उपजाऊ बनाने के लिए यूरिया खरीदने के लिए लाइन में लगना पड़ता है और अब जब फसल तैयार हो गई तो उसे बेचने के लिए कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है। यही वजह है कि आज का युवा खेती से दूरी बना रहा है।

देवी शंकर

हमें कल भामाशाह मंडी में आने का मैसेज मिला था। सुबह से ही धान बेचने के लिए मंडी पहुंचे, लेकिन देर रात तक ट्रॉली अंदर नहीं जा सकी। सुबह से कुछ खाया भी नहीं था। अब आसपास के ढाबों से खाना लेकर पेट भर रहे हैं।

भंवरसिंह हाड़ा

हमने सोचा था कि मंडी प्रशासन ने अच्छी व्यवस्था कर रखी होगी और कुछ देर में नंबर आ जाएगा, इसलिए ज्यादा पैसे नहीं लाए। लेकिन अब दो दिन हो गए, नंबर नहीं आया। खर्च बढ़ता जा रहा है और पैसे भी खत्म हो रहे हैं।

जय सिंह चौधरी

सुबह 9 बजे मंडी पहुंचे तो ट्रैक्टर अंदर चला गया, लेकिन कुछ देर बाद बाहर निकाल दिया गया। अब रात के 11 बज गए हैं, फिर भी अंदर नहीं जा पाए। पूरी रात सड़क पर ही बारी का इंतजार कर रहे हैं।

भरत सिंह हाड़ा

सुबह जब मंडी आते हैं तो मौसम गर्म होता है, इसलिए गर्म कपड़े नहीं पहनकर निकलते, लेकिन बारी आने में पूरी रात लग जाती है। देर रात सर्दी के कारण बुरा हाल हो जाता है।

विकास नागर

किराया और खर्च भी बढ़ा, चोरी का डर

धान और अनाज से भरे ट्रकों में लंबे इंतजार के कारण किसानों को अतिरिक्त किराया भी चुकाना पड़ रहा है। दो से तीन दिन का किराया बढ़ने से लागत और बढ़ जाती है। वहीं, ट्रैक्टर-ट्रॉली में माल रखा होने के कारण चोरी का खतरा भी बना रहता है। किसान बताते हैं कि सुरक्षा के लिए उन्हें अपने परिजनों को साथ लाना पड़ता है।

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Updated on:
15 Nov 2025 08:44 am
Published on:
15 Nov 2025 08:41 am
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