Diwali Holidays : कोटा कोचिंग में सबसे बड़ा ब्रेक दिवाली की छुट्टियों का आता है। इस बार छुट्टियां 27 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक हैं, लेकिन उत्तरप्रदेश व बिहार में छठ पूजा मनाने के कारण 10 नवम्बर के बाद ही स्टूडेंट्स कोटा लौटेंगे।
Diwali Holidays : कोचिंग सिटी कोटा में इन दिनों दीपावली की रौनक नजर आने लगी है। दिवाली से पहले यहां बड़ी संख्या में कोचिंग स्टूडेंट्स की आवभगत हो रही है। कोटा कोचिंग में सबसे बड़ा ब्रेक दिवाली की छुट्टियों का आता है। इस बार छुट्टियां 27 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक हैं, लेकिन उत्तरप्रदेश व बिहार में छठ पूजा मनाने के कारण 10 नवम्बर के बाद ही स्टूडेंट्स कोटा लौटेंगे। छुट्टियों के चलते कोटा में देशभर से पढ़ने आने वाले स्टूडेंट्स घर लौटना शुरू हो गए हैं।
वर्तमान में यहां करीब सवा लाख स्टूडेंट्स हैं और इसमें से 60-65 फीसदी स्टूडेंट्स घरों को लौट जाएंगे। इसके चलते इन दिनों रेलवे स्टेशन व बस स्टैण्ड पर स्टूडेंट्स की भीड़ दिखाई दे रही है। कुछ स्टूडेंट्स लंबी दूरी के चलते पहले ही रवाना हो गए। राजस्थान व मध्यप्रदेश क्षेत्रों के स्टूडेंट्स एक-दो दिन में रवाना हो जाएंगे। छुट्टियों के चलते बड़ी संख्या में अभिभावक भी बच्चों को लेने कोटा आ रहे हैं। कोचिंग संस्थानों में इस समय का सदुपयोग करने के लिए पेरेन्ट्स-टीचर्स मीटिंग भी रखी जाती है, ताकि आने वाले अभिभावकों से बच्चों के भविष्य को लेकर चर्चा की जा सके। इन मेहमान अभिभावकों के कोटा आगमन से शहर की रौनक बदली हुई दिख रही है। इसी कारण यहां के रेस्टोरेंट, मॉल्स में दिवाली की सजावट हो चुकी है और खुशहाली देखते ही बन रही है।
कोटा में इन दिनों दशहरा मेला चल रहा है, लेकिन दिवाली से पहले यहां संस्कृतियों का मेला भी लगता है। देश के हर राज्य से जब यहां अभिभावक अपने बच्चों को लेने आते हैं तो वे यहां के बाजारों में जाते हैं। ऐसे में पूरा शहर मानो लघु भारत सा हो जाता है। अलग-अलग भाषाओं और प्रांतों के लोग यहां अपने बच्चों के साथ शहर में घूमते दिख रहे हैं।
दिवाली पर घर जाने से पहले कोटा के कोचिंग संस्थानों की ओर से विद्यार्थियों को मिठाई के साथ शुभकामनाएं दी जाती हैं। संस्थानों में बच्चों को मिठाई के पैकेट वितरित किए जाते हैं। हर बच्चे को घर जाने से पहले यह पैकेट मिलता है।
ओडिशा, कर्नाटक, आंधप्रदेश, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर क्षेत्र में दिवाली का क्रेज कम है। ऐसे में इन क्षेत्रों के स्टूडेंट्स दिवाली की छुट्टियों पर घर नहीं जाते। यह स्टूडेंट़्स कोटा में रहकर ही पढ़ाई करते हैं और कोचिंग संस्थानों के साथ मिलकर दिवाली मनाते हैं।