कोटा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गैंगस्टर रणवीर हत्याकांड मामले में छह साल से फरार चल रहे दो वांछित शूटर अजय सिंह हाड़ा उर्फ अज्जू और महेश झांझोट वाल्मीकि उर्फ छोटू को गिरफ्तार किया है।
कोटा। मकबरा थाना पुलिस ने गुरुवार को कार्रवाई करते हुए गैंगस्टर रणवीर हत्याकांड मामले में छह साल से फरार चल रहे दो वांछित शूटर अजय सिंह हाड़ा उर्फ अज्जू और महेश झांझोट वाल्मीकि उर्फ छोटू को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दोनों के पास से अवैध हथियार और जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।
एसपी तेजस्वनी गौतम ने बताया कि आरोपी कोटा में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। वे मकबरा इलाके के एक मुसाफिर खाने में ठहरने के लिए जा रहे थे। इसी दौरान मकबरा थाना अधिकारी लइक अहमद होटल और धर्मशालाओं की नियमित चेकिंग पर थे। जांच के दौरान दोनों संदिग्धों से पूछताछ की गई, जिसमें उनकी पहचान रणवीर हत्याकांड के फरार शूटरों के रूप में हुई। तलाशी में एक लोडेड पिस्टल और पांच जिंदा कारतूस बरामद किए गए। दोनों के खिलाफ आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज किया गया है। इन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद रणवीर हत्याकांड में भी प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया जाएगा।
एडिशनल एसपी दिलीप सैनी ने बताया कि अजय सिंह के खिलाफ पहले से पांच आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं जिनमें हत्या, जानलेवा हमला और आर्म्स एक्ट के मामले शामिल हैं। महेश झांझोट पर भी दो मुकदमे दर्ज हैं। दोनों आरोपी भीलवाड़ा के बीगोद क्षेत्र के रहने वाले हैं और छह साल से फरार थे। फरारी के दौरान दोनों ने पहचान छिपाने के लिए अपना हुलिया पूरी तरह बदल लिया था। सैनी ने बताया कि दोनों आरोपी गैंगस्टर शिवराज सिंह की गैंग से जुड़े हुए हैं और उनसे पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आने की संभावना है।
डीएसपी राजेश टेलर ने बताया कि 22 दिसंबर 2019 को श्रीनाथपुरम स्टेडियम के पास गैंगस्टर रणवीर की अंधाधुंध गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी गैंगस्टर शिवराज सिंह सहित 11 लोग पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि अजय सिंह और महेश झांझोट फरार थे। दोनों पर एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित था। जिसमें एडीजी क्राइम से 25 हजार, आईजी ऑफिस से 50 हजार और एसपी ऑफिस से 25 हजार का इनाम शामिल था।
मकबरा एसएचओ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी गैंगस्टर शिवराज सिंह के करीबी माने जाते हैं। ये आरोपी भूमि विवादों में मध्यस्थता और अवैध वसूली का काम करते थे। वे ठेकेदारों और भूमाफियाओं से पैसे वसूलने के लिए धमकाते थे और विरोध करने वालों पर हमला करते थे।