Unique Wedding On Chambal River front: दोनों अफसरों की शादी में कई बड़ी हस्तियां शामिल हुईं, लेकिन उसके बाद भी शादी एकदम सादगी से सम्पन्न की गई।
Rajasthan कैडर के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की शादी समारोह ने हाल ही में कोटा में खूब सुर्खियाँ बटोरीं। यह विवाह इसलिए खास रहा क्योंकि इसका आयोजन भारत के पहले विरासत (हेरिटेज) चंबल रिवर फ्रंट की पृष्ठभूमि में हुआ।आईपीएस सुजीत शंकर और आईएएस चारु शादी के बंधन में बंधे। दोनों अफसरों की शादी में कई बड़ी हस्तियां शामिल हुईं, लेकिन उसके बाद भी शादी एकदम सादगी से सम्पन्न की गई।
दूल्हे राजा आईपीएस सुजीत शंकर बिहार के रहने वाले हैं और वर्तमान में कोटा ग्रामीण जिले के सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) के पद पर तैनात हैं। वहीं, दुल्हन आईएएस चारु उत्तर प्रदेश की निवासी हैं और हाल ही में शादी के आधार पर त्रिपुरा कैडर से राजस्थान कैडर में आईं हैं। उनकी पहली पोस्टिंग रामगंज मंडी में सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) के तौर पर हुई है, जो कोटा ग्रामीण क्षेत्र के तहत ही आता है।
शादी समारोह में पुलिस, प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों से कई गणमान्य लोग पहुंचे, जिससे यह एक हाई-प्रोफाइल इवेंट बन गया। इससे पहले 29 नवंबर को हुए संगीत कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शिरकत की, जबकि 30 नवंबर को शादी समारोह में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर भी नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देने पहुँचे। इसके बावजूद, शादी में सादगी का परिचय दिया गया, जिसमें दोनों परिवारों के सदस्यों ने आए हुए मेहमानों का आवभगत किया।
विवाह की तस्वीरों में नवविवाहित जोड़े के पीछे की भव्यता ने सोशल मीडिया का ध्यान खींचा। यह भव्यता और कोई नहीं, बल्कि कोटा का विश्वस्तरीय चंबल रिवर फ्रंट था। चंबल नदी के 2.75 किमी लंबे किनारे पर विकसित यह फ्रंट अपने आप में एक अनूठी विरासत है। रिवर फ्रंट की प्रमुख विशेषताओं में चंबल माता की 225 फीट ऊंची संगमरमर की मूर्ति, दुनिया की सबसे बड़ी घंटी (ब्रह्मा घाट पर), और राजपूताना सहित राजस्थान की नौ क्षेत्रों की वास्तुकला को दर्शाते हुए 26 से 27 विशिष्ट घाट शामिल हैं।
आईपीएस सुजीत शंकर (2020 बैच) और आईएएस चारु (2022 बैच) की यह शादी, न केवल दो अधिकारियों के मिलन का प्रतीक बनी, बल्कि इसने भारत के इस पहले हेरिटेज रिवर फ्रंट को भी राष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया। सोशल मीडिया पर यूजर इन तस्वीरों को खूब पसंद कर रहे हैं, जहाँ प्रशासनिक प्रतिष्ठा और सांस्कृतिक विरासत का खूबसूरत संगम देखने को मिला।