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Indian Railways: राजस्थान से MP को मिलेगी ट्रिपल ट्रेन कनेक्टिविटी, इस रूट पर रैपिड ट्रेन चलाने का भी प्लान

Rajasthan New Rail Track: राजस्थान से मध्यप्रदेश को रेलवे की ट्रिपल ट्रेन कनेक्टिविटी मिलेगी। कोटा से उज्जैन तक रैपिड ट्रेन चलाने का भी प्लान है।

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Nov 07, 2025
photo: AI generated

कोटा। राजस्थान से मध्यप्रदेश को रेलवे की ट्रिपल ट्रेन कनेक्टिविटी मिलेगी। इस ट्रिपल कनेक्टिविटी में कोटा से उज्जैन, कोटा से ग्वालियर वाया श्योपुर और कोटा से भोपाल वाया झालावाड़ कनेक्विविटी मिलेगी। इससे कोटा के साथ मध्यप्रदेश के तीनों शहरों में व्यापार और पर्यटन को पंख लगेंगे।

कोटा से उज्जैन मार्ग से धार्मिक पर्यटन, कोटा-सीहोर-भोपाल से कनेक्टिविटी से शरबती गेहूं का व्यापार समेत पर्यटन का विकास होगा। सीहोर शरबती गेहूं का देश का सबसे बड़ा हब है। इसी प्रकार कोटा-श्योपुर-ग्वालियर की कनेक्टिविटी बढ़ने से श्योपुर के लोगों को कोटा तक आने में आसानी होगी। इससे कोटा का व्यापार भी बढ़ेगा। इसके अलावा कोटा से ग्वालियर तक पर्यटन भी बढ़ेगा।

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कोटा-नागदा-उज्जैन रेलमार्ग को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए कोटा रेल मंडल इस मार्ग पर नमो भारत रैपिड ट्रेन (वंदे मेट्रो) चलाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए कोटा रेल मंडल की ओर से फरवरी में रेलवे बोर्ड को कोटा से उज्जैन के बीच नमो भारत रैपिड ट्रेन चलाने के लिए प्रस्ताव भी भेजे जा चुके हैं। नमो भारत रैपिड ट्रेन इस मार्ग के मापदंडों के हिसाब से सबसे उचित है। अब रेलवे बजट में नए वित्तीय वर्ष में कोटा से उज्जैन के लिए यह ट्रेन मिलने की संभावना है। नए वित्तीय वर्ष में देश में नई 50 नमो भारत, 100 अमृत भारत और 200 वंदे भारत ट्रेनों के संचालन किया जाएगा। इससे कोटा को भी लाभ मिलेगा।

वंदे मेट्रो 100 से 250 किमी दूरी वाले दो प्रमुख शहरों के बीच चलाई जाती है। इसमें 1100 लोगों की सीटिंग व 2000 लोगों के खड़े होकर सफर करने की सुविधा समेत 3100 यात्रियों की क्षमता होती है। ट्रेन में अत्याधुनिक सेंसर, स्मोक सेंसर, एलईडी लाइटिंग, ऑटोमैटिक स्लाडिंग गेट, टॉकबैक सिस्टम से डिब्बों में यात्रियों से सीधे लोको पायलट की बात की सुविधा, मोबाइल और लेपटॉप चार्जर, सीसीटीवी कैमरे और आधुनिक इंटीरियर की सुविधा होती है।

रामगंजमंडी-भोपाल रेल लाइन पर एमपी के खिलचीपुर तक ट्रैक तैयार। फोटो: पत्रिका

कोटा-भोपाल के बीच बढ़ेगा व्यापार-पर्यटन

रामगंजमंडी-भोपाल रेल लाइन करीब 276 किमी की है। 3,035 करोड़ से बिछाई जा रही रेल लाइन में रामगंजमंडी से झालावाड़ होते हुए घाटोली तक ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा राजस्थान की सीमा के नयागांव और मध्यप्रदेश के खिलचीपुर तक ट्रैक और स्टेशन का निर्माण और सुरक्षा ट्रायल हो चुका है। इस मार्ग के पूरा होते ही रामगंजमंडी झालावाड़, खिलचीपुर, ब्यावरा, राजगढ़ और सीहोर होते हुए भोपाल तक की कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे कोटा से भोपाल की कनेक्टिविटी होगी। नए मार्ग से वर्तमान में कोटा से भोपाल के लिए करीब 115 किमी का कम सफर करना पड़ेगा।

कोटा-श्योपुर के बीच ये होंगे स्टेशन

कोटा से श्योपुर के बीच के 101 किमी क्षेत्र में बिछाई जाने वाली बड़ी रेल लाइन पर कोटा जिले के 8 स्टेशन पीपल्दा, गणेशगंज, दोस्तपुरा, बड़ौद, उम्मेदपुरा, सुल्तानपुर स्टेशन नए बनाए जाएंगे, जबकि दीगोद व मोतीपुरा चौकी रूट पर पहले से स्टेशन बने हुए हैं।

घटेगी दूरी, बचेगा समय

कोटा-श्योपुर-ग्वालियर रेल लाइन में श्योपुर से ग्वालियर के बीच नैरोगेज की जगह ब्रॉडगेज लाइन बिछाई जा रही है, जबकि कोटा से श्योपुर को जोड़ने के लिए सर्वे का काम फाइनल कर लिया गया है। ऐसे में कोटा से श्योपुर के जुड़ने के साथ ग्वालियर तक सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी और 129 किमी का सफर भी कम होगा। इससे राजस्थान के कोटा से ग्वालियर पहुंच जाएंगे। बूंदी, बारां व झालावाड़ व 8 कस्बों को इससे सीधा लाभ होगा। रेल लाइन की दूरी वाया श्योपुर 284 किमी होगी। वर्तमान में कोटा से बीना होकर ग्वालियर जाने में करीब 8 घंटे लगते हैं, यह समय नए रूट के बाद घट कर साढ़े छह घंटे रह जाएगा। श्योपुर से ग्वालियर के बीच 190 किमी में नैरागेज की ब्रॉडगेज लाइन का काम चल रहा है। वहीं कोटा से श्योपुर के बीच 101 किमी नई लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए 583.84 हैक्टेयर भूमि अवाप्ति की जा चुकी है। 2376 करोड़ की इस योजना के निर्माण के बाद ट्रेक पर 110 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा।

इनका कहना है

तीनों रेलमार्गों से राजस्थान से मध्यप्रदेश को तीहरी कनेक्टिविटी बनेगी। कोटा से उज्जैन रैपिड ट्रेन चलाने के प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं। इसके अलावा कोटा से श्योपुर तक रेलवे का सर्वे पूरा हो चुका है। रामगंजमंडी-झालावाड़-भोपाल रेलमार्ग पर राजस्थान सीमा तक काम पूरा हो चुका है। भोपाल रेलमार्ग का काम तेजी से चल रहा है। इससे व्यापार व पर्यटन भी बढ़ेगा।
-सौरभ जैन, सीनियर डीसीएम, कोटा रेल मंडल

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