इकलौती बहन हर साल अपने पीहर से आकर शहीद मानाराम जाट की मूर्ति की कलाई पर राखी बांधती है।
राजस्थान के ननैरा में शहीद की इकलौती बहन ने मूर्ति की कलाई पर राखी बांधी। जिसे देखकर हर किसी की आंखों में आसूं आ गए।
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में 3 जुलाई 2008 को आतंकवादियों से लोहा लेते हुए हटुपुरा गांव निवासी मानाराम जाट शहीद हो गए।
जिसके बाद से ही उनकी इकलौती बहन अछना देवी हर साल अपने पीहर से आकर शहीद स्मारक हटुपुरा में शहीद मानाराम जाट की मूर्ति की कलाई पर राखी बांधती है।
वहीं, शनिवार को अछना देवी ने शहीद मनाराम जाट को नम आंखों से मुंह मीठा कराकर शहीद की मूर्ति पर तिलक कर रक्षा सूत्र बाधा।
इस अवसर पर शहीद मानाराम जाट के वृद्ध पिता महराम जाट, माता राम कन्या देवी, शहीद की पत्नी सरोज देवी, भाई गोगाराम शैषमा प्रति वर्ष बहिन अछना देवी के साथ शहीद स्मारक हटुपुरा में मौजूद रहे।
शहीद मानाराम जाट की इकलौती बहिन अछना देवी नम आंखों से अपने शहीद भाई मानाराम जाट को देश के लिए बलिदान होने पर याद करती है।