Nandini Gupta's Father Interview: नंदिनी के पिता सुमित गुप्ता ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि नंदिनी चाहती हैं कि दिव्यांग और मानसिक रूप से कमजोर लोगों के लिए सामान्य स्कूलों में ही विशेष कक्षा-कक्ष की व्यवस्था हो, जिससे वे भी समान अवसरों के साथ शिक्षा प्राप्त कर सकें।
Miss World 2025 Finalist Nandini Gupta: 72वें मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के ग्रैंड फिनाले में भारत की ओर से कोटा (राजस्थान) की बेटी नंदिनी गुप्ता देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। नंदिनी पहले ही टॉप-40 में जगह बना चुकी हैं और ’’टॉप मॉडल चैलेंज’’ जीतकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा चुकी हैं। देशभर की निगाहें आज हैदराबाद में होने वाले ग्रैंड फिनाले पर टिकी हैं, जहां 140 करोड़ भारतीयों की दुआएं नंदिनी की जीत के लिए साथ हैं।
कोटा में पली-बढ़ी नंदिनी ने मिस इंडिया का खिताब जीतने के बाद अब मिस वर्ल्ड की दौड़ में देश को गौरवान्वित करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। उनकी खूबसूरती ही नहीं, बल्कि उनके संवेदनशील सोच और सामाजिक प्रतिबद्धता की भी खूब चर्चा हो रही है। नंदिनी का ’प्रोजेक्ट एकता’ आज मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, जिसने दुनियाभर के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
नंदिनी के पिता सुमित गुप्ता ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि नंदिनी चाहती हैं कि दिव्यांग और मानसिक रूप से कमजोर लोगों के लिए सामान्य स्कूलों में ही विशेष कक्षा-कक्ष की व्यवस्था हो, जिससे वे भी समान अवसरों के साथ शिक्षा प्राप्त कर सकें। साथ ही, वे उनके बनाए प्रोडक्ट्स को पहचान दिलाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी कार्य कर रही हैं। नंदिनी के सिर 11 फरवरी 2003 को मिस राजस्थान व 15 अप्रेल 2023 को फैमिना मिस इंडिया का ताज सजा है।
नंदिनी के माता-पिता का कहना है कि हमारी बेटी सिर्फ सुंदर नहीं, बल्कि एक नेक दिल इंसान है। हमें गर्व है कि वह देश के लिए खड़ी है। नंदिनी का यह सफर दिखाता है कि सौंदर्य सिर्फ बाहरी नहीं, बल्कि संवेदना और सेवा के साथ मिलकर असली प्रेरणा बनता है।
‘ब्यूटी विद ए पर्पस’ के अंतर्गत हर प्रतिभागी को एक सामाजिक पहल को प्रस्तुत करना होता है। नंदिनी ने अपने प्रोजेक्ट ‘एकता’ के माध्यम से मानसिक रूप से कमजोर और दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाया है। उनका यह संकल्प व्यक्तिगत अनुभव से उपजा है। उनके चाचा अमित गुप्ता मानसिक रूप से कमजोर हैं। इस पारिवारिक अनुभव ने उन्हें समाज के उन वर्गों के प्रति गहरी संवेदना दी है, जो अक्सर उपेक्षित रहते हैं।