कोटा

Nuclear Power Project: रावतभाटा में अब प्रतिदिन बनेगी 14 करोड़ की बिजली, वैज्ञानिक-अधिकारियों में दौड़ी ख़ुशी की लहर, राजस्थान को मिलेगा लाभ

Rajasthan Atomic Power Project Unit 8: यहां निर्माणाधीन 700 मेगावाट की इकाई -8 के चालू होने के बाद 1400 मेगावाट क्षमता से प्रतिदिन 14 करोड़ रुपए की बिजली बनेगी।

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Apr 16, 2025

Department of Atomic Energy: राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना में देश के तीसरे स्वदेशी 700 मेगावाट के परमाणु रिएक्टर ने व्यवसायिक उत्पादन शुरू कर दिया है। अभी इकाई 50 प्रतिशत क्षमता 320 मेगावाट पर प्रचालन कर रही है।इकाई ने व्यावसायिक उत्पादन शुरू किया तो नियंत्रण कक्ष में मौजूद वैज्ञानिक अधिकारियों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई।

इस अवसर पर राजस्थान परमाणु बिजलीघर के कार्यवाहक स्थल निदेशक डी सुब्बाराव ने बताया कि देश के तीसरे स्वदेशी 700 मेगावाट परमाणु रिएक्टर की इकाई -7 से वाणिज्यिक प्रचालन शुरू होना नाभिकीय ऊर्जा निगम, परमाणु ऊर्जा विभाग के लिए गर्व का क्षण है।

इससे पूर्व काकरापार गुजरात साइट पर 700 मेगावाट की इकाई 3 व 4 के सुचारु संचालन के बाद रावतभाटा की इकाई -7 की सफलता भारतीय तकनीक की मिसाल है।

जुड़वा इकाई-8 पर रहेगा ध्यान

राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना की इकाई-7 से व्यावसायिक बिजली उत्पादन शुरू होने के बाद परियोजना की जुड़वा इकाई -8 के क्रिटीकल किए जाने पर ध्यान दिया जा रहा है। इकाई की कमीशनिंग के बाद इकाई -8 में परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड के सुरक्षा मानकों को अपना कर कार्य किया जा रहा है।

रावतभाटा परमाणु ऊर्जा का हब

रावतभाटा में वर्तमान में छह इकाइयां विद्युत उत्पादन कर रही हैं, जबकि पहली इकाई बंद है। यहां निर्माणाधीन 700 मेगावाट की इकाई -8 के चालू होने के बाद 1400 मेगावाट क्षमता से प्रतिदिन 14 करोड़ रुपए की बिजली बनेगी। परियोजना में प्रतिदिन 900 किलो यूरेनियम का उपयोग किया जाएगा, जिसे बाद में थोरियम आधारित फास्ट ब्रीडर रिएक्टर में उपयोग करने की योजना है। आठवीं इकाई 2025 तक पूरी होगी।

10 सित. 2024 को शुरू हुई रिएक्टर की धड़कन

भारत के परमाणु सुरक्षा नियामक, परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) ने 10 सितंबर, 2024 को राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना (आरएपीपी) यूनिट-7 में नियंत्रित परमाणु विखंडन प्रतिक्रिया शुरू करने की अनुमति दी। एईआरबी के प्राधिकरण में रिएक्टर के मॉडरेटर सिस्टम में भारी पानी को शामिल करना और क्रिटिकलिटी के लिए पहला दृष्टिकोण शुरू करना शामिल है, जिसमें नियंत्रित परमाणु विखंडन शामिल है। इसमें कम शक्ति भौतिकी प्रयोगों का संचालन भी शामिल था। यह निर्णय रिएक्टर के डिजाइन, निर्माण और परिचालन तैयारियों के व्यापक आकलन के बाद लिया गया था।

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अनगिनत घरों और उद्योगों के लिए आशा का प्रतीक

इकाई -7 के व्यावसायिक प्रचालन की उपलब्धि भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता और स्थिरता की यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह मील का पत्थर न केवल परमाणु प्रौद्योगिकी में देश की बढ़ती विशेषज्ञता को दर्शाता है, बल्कि स्वच्छ और हरित भविष्य के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को भी पुष्ट करता है। जैसे-जैसे इकाई -8 बिजली उत्पादन के लिए तैयार होता है, यह अनगिनत घरों और उद्योगों के लिए आशा का प्रतीक है, जिन्हें विश्वसनीय और स्वच्छ ऊर्जा से लाभ होगा।

Published on:
16 Apr 2025 02:23 pm
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