जल संसाधन विभाग ने बताया कि जलस्तर बढ़ने पर गेटों की ओपनिंग और बढ़ाई जा सकती है। प्रशासन ने बैराज के भराव और नदी के बहाव क्षेत्र से दूर रहने की अपील की है।
कोटा के कनवास क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से जारी मूसलधार बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। मंगलवार रात शुरू हुई तेज बारिश का सिलसिला बुधवार सुबह तक जारी रहा। इससे न केवल निचले इलाके जलमग्न हो गए बल्कि कई मकानों और दुकानों में पानी घुसने से भारी नुकसान भी हुआ।
मंगलवार दोपहर 3 बजे छाली घटा पुलिया पर चादर चलना शुरू हुई जो शाम तक 6 फीट तक पहुंच गई। बस स्टैंड जाने वाली पुलिया से लेकर लाड़ी सुहानी कुंड तक 3 फीट से ज्यादा पानी बहता रहा।
लिंडिया खाल का निकास अवरुद्ध होने के कारण सुभाष सर्किल तक करीब 4 फीट पानी भर गया, जिससे कई दुकानें डूब गईं। दुकानदारों ने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में सामान निकालने का प्रयास किया।
शहर के कई इलाकों में घरों के अंदर घुटनों तक पानी भर गया है। दूधियाखेड़ी के माताजी मंदिर परिसर में भी पानी भर गया। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सुरक्षित स्थानों की ओर जाते नजर आए।
अटल सेवा केंद्र की दीवार ढह गई और पंचायत भवन में पानी घुस गया। बस स्टैंड के आसपास की दुकानों और घरों में पानी भरने से स्थिति और गंभीर हो गई।
नवनेरा बैराज के कैचमेंट क्षेत्र में हो रही भारी वर्षा के चलते बैराज के 7 गेट खोलने पड़े, जिनसे करीब 1,25,000 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।
जल संसाधन विभाग ने बताया कि जलस्तर बढ़ने पर गेटों की ओपनिंग और बढ़ाई जा सकती है। प्रशासन ने बैराज के भराव और नदी के बहाव क्षेत्र से दूर रहने की अपील की है।
बाढ़ जैसे हालातों के मद्देनजर प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है। राहत और बचाव दल अलर्ट पर हैं और लगातार निगरानी कर रहे हैं। लोगों से भी सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।