चंबल नदी के कैचमेंट क्षेत्र में भारी बारिश के कारण इस सीजन में पहली बार कोटा-बैराज के गेट खोले गए है।
Kota-Barrage Dam: कोटा में चंबल नदी के कैचमेंट क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बांधों में पानी की आवक जबरदस्त हो रही है। जिसके चलते इस सीजन में पहली बार कोटा-बैराज के गेट खोले गए है। जल संसाधन विभाग ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बैराज के 12 गेटों को लगभग 3 लाख क्यूसेक पानी की निकासी शुरू कर दी है। इनमें 6 गेट 20-20 फीट और 6 गेट 25-25 फीट खोले गए हैं। यह कदम चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने और बाढ़ के जोखिम को कम करने के लिए उठाया गया है।
कोटा बैराज का जलस्तर 854 फीट तक पहुंच गया था, जो सामान्य स्तर 853 फीट से अधिक था। इसके चलते प्रशासन ने तत्काल अलर्ट जारी किया है। चंबल नदी की छोटी पुलिया पानी में डूब गई, जिससे स्थानीय आवागमन बाधित हो गया। नदी के किनारे बसी बस्तियों में पानी घुसने की आशंका को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। इस पानी की निकासी का असर नीचे की ओर बहने वाली चंबल नदी पर पड़ रहा है, जिसके कारण करौली और धौलपुर जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
इन क्षेत्रों में प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए राहत और बचाव टीमें तैनात कर दी हैं। नदी के किनारे के गांवों को खाली कराने की तैयारी शुरू हो गई है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
कोटा बैराज से भारी जल निकासी के बाद करौली कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने क्षेत्र के अधिकारियों को निर्देश दिए है। मंडरायल क्षेत्र में चंबल नदी अलर्ट लेवल है। जिसका डेंजर लेवल 164-165 मीटर है। वर्तमान में चंबल 160 मीटर लेवल पर बह रही है। भारी पानी की आवक के बाद चंबल नदी के खतरे के निशान से ऊपर जाने की आशंका है। कलेक्टर ने अधिकारियों को ग्रामीणों को सतर्क करने के निर्देश दिए है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।