150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार में चलने वाली वंदे भारत ट्रेन की विशेषता है कि यह हमेशा निर्धारित समय पर संचालित होती है। इसके साथ ही इसकी पेंट्री सर्विस भी बेहतरीन है।
Vande Bharat Express: वंदे भारत देश में सबसे तेज चलने वाली ट्रेन है, लेकिन कई स्थानों पर इस महंगी ट्रेन को पर्याप्त यात्री नहीं मिल रहे हैं। इसका कारण शताब्दी से भी अधिक रेल किराया माना जा रहा है। वंदे भारत ट्रेन को कोटा समेत दर्जनभर रेलमार्गों पर यात्रियों का रेस्पॉन्स नहीं मिल रहा। देश के कुछ रूट्स पर तो वंदे भारत पूरी ऑक्यूपेंसी से चलती है, लेकिन कुछ रूट्स ऐसे भी हैं, जहां वंदे भारत ट्रेन को यात्री नहीं मिल पा रहे हैं। इसमें उदयपुर-जयपुर, उदयपुर-कोटा-आगरा, भुवनेश्वर-विशाखापट्टनम, टाटानगर-ब्रह्मपुर, रीवा-भोपाल, कलबुर्गी-बेंगलूरु, दुर्ग-विशाखापट्टनम, नागपुर-सिकंदराबाद रूट्स शामिल हैं।
उदयपुर से जयपुर मार्ग पर राजस्थान की तीसरी वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत 24 सितम्बर 2023 को की गई। इसके बाद ट्रेन को पर्याप्त यात्रीभार नहीं मिलने से इसके संचालन में परिवर्तन करते हुए 2 सितम्बर से इसे उदयपुर से कोटा होते हुए आगरा तक सप्ताह में तीन दिन और उदयपुर से जयपुर तीन दिन संचालित करने का निर्णय लिया गया, लेकिन फिर भी पर्याप्त यात्री भार नहीं मिल रहा। इसका प्रमुख कारण ट्रेन का किराया अधिक होना माना जा रहा है।
(21 सितम्बर को रेलवे की वंदे भारत ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी रिपोर्ट के अनुसार)
देश के मुम्बई -अहमदाबाद, नई दिल्ली-वाराणसी, नई दिल्ली-कटरा, वाइजाग-सिकंदराबाद, सिकंदराबाद-तिरुपति, दिल्ली के आनंद विहार से देहरादून, त्रिवेंद्रम-कासरगोड, चेन्नई-नागरकोल आदि रूट्स पर वंदे भारत के लिए यात्रियों की कोई कमी नहीं है। यहां वंदे भारत 100 फीसदी ऑक्यूपेंसी के साथ चल रही है।
150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार में चलने वाली वंदे भारत ट्रेन की विशेषता है कि यह हमेशा निर्धारित समय पर संचालित होती है। इसके साथ ही इसकी पेंट्री सर्विस भी बेहतरीन है। वन्दे भारत संचालन का उद्देश्य देश के प्रमुख शहर को बेहतर कनेक्टिविटी देना है। ऐसे शहर जो बिजनेस हब हैं या औद्योगिक इकाइयों से समृद्ध हैं या फिर बड़े धार्मिक यात्राओं के लिए प्रसिद्ध हैं, उन्हें जोडऩे के लिए ये ट्रेन चलाई जा रही है।