Good News: राजस्थान वॉटर ग्रिड कॉरपोरेशन लिमिटेड के अनुसार देश में इस तरह का स्ट्रक्चर कहीं भी नहीं है। इतनी लंबाई और पानी ले जाने की क्षमता वाला एक्वाडक्ट भारत में पहली बार बन रहा है।
Patrika Exclusive: पार्वती-कालीसिंध-चंबल इंटीग्रेटेड ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट के पहले चरण का काम शुरू हो गया है। इसमें चंबल नदी पर बनने वाले एक्वाडक्ट भी शामिल है। यह एक्वाडक्ट 452 पिलर पर खड़ा होगा। जिसके जरिए फीडर कैनाल का 8800 क्यूसेक पानी चंबल नदी के पार करवाया जाएगा। इसकी चौड़ाई 150 फीट होगी, जबकि लंबाई 2880 मीटर रहेगी। इसके ऊपर से 9 मीटर चौड़ी सड़क भी बनेगी, जिस पर से आवागमन हो सकेगा।
राजस्थान वॉटर ग्रिड कॉरपोरेशन लिमिटेड के अनुसार देश में इस तरह का स्ट्रक्चर कहीं भी नहीं है। इतनी लंबाई और पानी ले जाने की क्षमता वाला एक्वाडक्ट भारत में पहली बार बन रहा है। इसकी खासियत यह है कि इसमें लंबाई के साथ-साथ चौड़ाई में भी 6 पिलर होंगे। फीडर कैनाल के साथ सड़क भी बनाई जाएगी जो एक्वाडक्ट के ऊपर से निकलेगी।
पैकेज नंबर 1 के जनरल मैनेजर पीके गुप्ता ने बताया कि इस एक्वाडक्ट का नाम ‘राम जल सेतु’ रखा गया है। निर्माण के दौरान 452 पिलर खड़े किए जा रहे हैं. शुरुआत और अंत में दो एब्यूटमेंट वाले पिलर शामिल होंगे। हर 30 मीटर पर पिलर बनाए जाएंगे। इस तरह 75 जगह पर छह-छह पिलर बनाए जा रहे हैं, जो फीडर की चौड़ाई बढ़ाने के लिए होंगे। प्रत्येक पिलर का व्यास लगभग 3 मीटर और ऊंचाई 5 से 25 मीटर के बीच होगी।
इस पैकेज में 22 किलोमीटर लंबी फीडर कैनाल का निर्माण किया जा रहा है, जो नवनेरा बैराज से मेज नदी तक पानी ले जाएगी। चीफ इंजीनियर सोलंकी ने बताया कि चंबल नदी को पार करने के लिए 2.280 किलोमीटर लंबा यह एक्वाडक्ट बनाया जा रहा है। इसकी कुल लागत लगभग 1800 करोड़ रुपए है, जिसमें से अकेले एक्वाडक्ट की लागत 1500 करोड़ है। चंबल की दाईं मुख्य नहर की क्षमता 6000 क्यूसेक है, जबकि यह नया एक्वाडक्ट 8800 क्यूसेक पानी पार करवाने में सक्षम होगा।