Dussehra 2025: रात में हाइड्रोलिक लेडर से रावण के पुतले के शेष हिस्से और कुंभकरण के पुतले पर डीजल-पेट्रोल डालकर इन्हें जलाने का प्रयास किया गया लेकिन रावण का पुतले ने आग नहीं पकड़ी।
Kota 233 Foot Ravan Not Burnt Completely: 2 दिन पहले आई बरसात के चलते दुनिया के सबसे बड़े रावण के पुतले में इलेक्ट्रिक सिस्टम फेल हो गया। ऐसे में रावण के सिर, मुकुट और दोनों हाथ और तलवार नहीं जल सकी।
रात में हाइड्रोलिक लेडर से रावण के पुतले के शेष हिस्से और कुंभकरण के पुतले पर डीजल-पेट्रोल डालकर इन्हें जलाने का प्रयास किया गया, लेकिन रावण का पुतले ने आग नहीं पकड़ी। देर रात तक इसे जलाने के प्रयास किए जाते रहे। बड़ी संख्या में लोग रावण के पुतले का दहन देखने के लिए जमे रहे।
सीधी बात : तेजेन्द्र सिंह चौहान, पुतला निर्माता
रावण का पुतला मंगलवार रात को आई बरसात में काफी भीग गया था। ऐसे में उसके बांस और ड्रेस गीली हो गई। ऐसे में रावण के पुतले का हिस्सा नहीं जला।
हां, रावण के पुतले में सिर और हाथों में लगे इलेक्ट्रिक सिस्टम रिमोट कंट्रोल से चलने थे, लेकिन बारिश से इसमें से भी कुछ नहीं चल पाए।
पुतले के सिर पर छतरी लगाई गई थी, जो तेज धमाके से टूट गई। यह छतरी नहीं टूटती तो इससे कनेक्ट सारे पटाखे जल जाते और पूरा सिर जल जाता। इसके अलावा इससे दोनों हाथों में भी आग पहुंचनी थी।
सीधी बात : विवेक राजवंशी, अध्यक्ष, कोटा दशहरा मेला समिति
मंगलवार रात को बरसात आने से पुतला भीग गया था। इसे खड़ा भी किया जा चुका था। पुतले में टेस्टिंग की भी गुंजाइश नहीं होती।
बारिश से इलेक्ट्रिक सिस्टम में खराबी आने से पुतले का दहन प्रभावित हुआ है।
प्रदेश में अन्य स्थानों पर हुई बारिश से पुतले खराब हो गए। हमारे यहां पुतला जला, लेकिन सीलन व इलेक्ट्रिक सिस्टम में खराबी से पुतला दहन प्रभावित हुआ। इसमें निर्माता की कोई गलती नहीं है। खराब मौसम के कारण ऐसा हुआ।