201 Girls Worshipped on Navratri: लखीमपुर खीरी में नवरात्रि के अवसर पर मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत धौरहरा तहसील स्थित परिषदीय विद्यालय महादेव में 201 कन्याओं का पूजन किया गया। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल और विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने कन्याओं का पूजन कर उपहार भेंट किए। कार्यक्रम में कन्या भोज, लोकार्पण और पौधरोपण भी हुआ।
Navratri Kanya Pujan Lakhimpur Kheri: नवरात्र के पावन अवसर पर जहां पूरे देश में देवी की आराधना और शक्ति की उपासना हो रही है, वहीं जिले में भी कन्याओं को सम्मान देने और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने का एक विशेष आयोजन किया गया। मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत धौरहरा तहसील स्थित परिषदीय विद्यालय महादेव में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में 201 नन्हीं कन्याओं का विधि-विधान से पूजन किया गया। कार्यक्रम की शोभा उस समय और बढ़ गई जब जिले की प्रथम नागरिक डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल और क्षेत्रीय विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने स्वयं कन्याओं के चरण धोकर, तिलक लगाकर और उपहार भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व का प्रतीक बना, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति सम्मान और जागरूकता का संदेश भी प्रसारित करता दिखा।
कार्यक्रम की शुरुआत कन्या पूजन से हुई। परंपरागत विधि के अनुसार 201 नन्हीं कन्याओं को आमंत्रित कर उनका पूजन किया गया। कन्याओं को देवी स्वरूप मानते हुए उनके चरण धोए गए, माथे पर तिलक लगाया गया और उन्हें चुनरी ओढ़ाई गई। इसके बाद डीएम और विधायक ने उन्हें उपहार स्वरूप थाली, गिलास, स्कूल बैग, ज्योमेट्री बॉक्स और अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान की। कन्याओं के चेहरों पर उस समय प्रसन्नता देखने लायक थी जब उन्होंने खुद जिले के उच्च पदाधिकारियों से यह सम्मान प्राप्त किया।
इस अवसर पर डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने विद्यालय परिसर में बनाए गए मिड-डे मील शेड “अन्नपूर्णा कुंज” का लोकार्पण किया। इस नई सुविधा से बच्चों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था और बेहतर होगी। डीएम ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण की जिम्मेदारी सरकार की प्राथमिकता में है और इसी दिशा में यह पहल कारगर साबित होगी। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन से कहा कि इस शेड का उपयोग ईमानदारी और जिम्मेदारी से किया जाए ताकि बच्चे पौष्टिक भोजन प्राप्त कर सकें।
पूजन के बाद आयोजित कन्या भोज में भी विशेष उत्साह देखने को मिला। इस दौरान डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल और विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने स्वयं कन्याओं को भोजन परोसा। कन्याओं ने इस प्रेम और आत्मीयता का भरपूर आनंद लिया। उपस्थित जनसमूह ने इस दृश्य को अत्यंत भावुक और प्रेरणादायी बताया। कार्यक्रम स्थल पर देवी गीत और भजन गूंज रहे थे, जिसने वातावरण को और भी पावन बना दिया।
कार्यक्रम के दौरान डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा, “बेटियों को मदद की नहीं, बल्कि अवसर की आवश्यकता है। जब बेटियां पढ़ाई करेंगी, अपने पैरों पर खड़ी होंगी, तभी वे सुरक्षित, सम्मानित और स्वावलंबी बनेंगी।” उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की कि वे बेटियों को शिक्षा दिलाने में किसी भी प्रकार की कंजूसी न करें। उन्होंने यह भी कहा कि आज समाज में बेटियों की भूमिका हर क्षेत्र में बढ़ रही है और यही सच्चे अर्थों में महिला सशक्तिकरण है।
मिशन शक्ति के तहत महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए इस अवसर पर कार्तिक स्वयं सहायता समूह को नमकीन पैकेजिंग के लिए 1.35 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया। इस कदम से न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। डीएम ने कहा कि स्वयं सहायता समूह ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिलाओं की प्रगति में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
कार्यक्रम में सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं को भी जीवित रखा गया। छह गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म पूरी गरिमा के साथ संपन्न कराई गई। इस अवसर पर उन्हें पौष्टिक आहार और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक सामग्री भी दी गई। इसके अतिरिक्त तीन शिशुओं का अन्नप्राशन संस्कार भी किया गया, जिसमें उन्हें पहली बार अन्न ग्रहण कराया गया। इस रस्म में मौजूद परिवारजनों के साथ-साथ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। इन कार्यक्रमों ने आयोजन को और भी बहुआयामी बना दिया।
कार्यक्रम के अंत में पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने की दिशा में एक विशेष पहल की गई। डीएम और विधायक ने मिलकर हरिशंकरी पौध का रोपण किया। हरिशंकरी परंपरा के तहत पीपल, बरगद और पाकड़ के पौधे एक साथ लगाए जाते हैं, जो धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इस पौधारोपण ने संदेश दिया कि सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा भी उतनी ही जरूरी है।
इस आयोजन में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, अभिभावक, शिक्षक और छात्र मौजूद रहे। अभिभावकों ने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक महत्व का है बल्कि बेटियों के प्रति समाज में सकारात्मक सोच को भी मजबूत करता है। ग्रामीणों ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और उन्हें यह महसूस होता है कि वे समाज में सम्मानित और सुरक्षित हैं।