ललितपुर

ललितपुर में कुपोषण की चुनौती: क्या प्रशासन के प्रयास नाकाफी हैं?

Malnutrition in Lalitpur: ललितपुर में कुपोषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है। प्रशासन द्वारा कुपोषण उन्मूलन के लिए कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं दिख रहा है। साल दर साल कुपोषित बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

less than 1 minute read
Jul 30, 2024
ललितपुर में कुपोषण- फोटो : सोशल मीडिया

Malnutrition in Lalitpur: ललितपुर जनपद में कुपोषण एक गंभीर समस्या बनकर उभरा है। बावजूद इसके कि प्रशासन ने इसे खत्म करने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन हालात में कोई खास सुधार नहीं देखने को मिल रहा है। आंकड़े बताते हैं कि हजारों बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर गहरा असर पड़ रहा है।

आंकड़े बता रहे हैं चौंकाने वाली कहानी

पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि जनपद में कुपोषित बच्चों की संख्या में कोई खास कमी नहीं आई है। यहां तक कि गर्भ में पल रहे बच्चे भी कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन इसके बावजूद स्थिति में सुधार नहीं दिख रहा है।

क्या हैं प्रशासन के प्रयास?

  • स्वास्थ्य शिविर: ग्राम पंचायतों में नियमित रूप से स्वास्थ्य शिविर लगाए जाते हैं, जिनमें कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।
  • एनआरसी: कमजोर बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया जाता है, जहां उन्हें पोषक आहार और देखभाल मिलती है।
  • पोषक आहार: कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार उपलब्ध कराया जाता है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी नीरज कुमार का कहना है कि कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पुष्टाहार उपलब्ध कराया जाता है और गर्भवती महिलाओं को भी पोषक आहार दिया जाता है।

Also Read
View All

अगली खबर