AI Search Ads Google Experiment: गूगल ने अब अपने AI मोड में विज्ञापन दिखाने की शुरुआत कर दी है। जानें गूगल ने यह फैसला क्यों लिया है और कैसे AI सर्च ऐड्स यूजर्स और बिजनेस को प्रभावित करेंगे।
AI Search Ads Google: गूगल ने अब अपने सर्च में बड़ा बदलाव किया है। कंपनी ने बताया है कि Google Search के AI मोड और Gemini टूल्स में अब विज्ञापन (Ads) भी दिखाए जाएंगे। इसका मतलब यह है कि जब आप AI से कोई सवाल पूछेंगे तो जवाब के साथ कुछ स्पॉन्सर्ड यानी पेड सुझाव भी दिख सकते हैं। गूगल का कहना है कि इससे यूजर्स को ज्यादा उपयोगी जानकारी मिलेगी और साथ ही फ्री AI सेवाओं को चलाने में होने वाला खर्च भी पूरा किया जा सकेगा।
एक पॉडकास्ट बातचीत के दौरान जब कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ प्रोडक्ट फॉर गूगल सर्च, रॉबी स्टीन (Robby Stein) से पूछा गया कि क्या AI के बढ़ते प्रभाव से Google Ads खत्म हो जाएंगे? तो उन्होंने साफ किया कि, ''हमें ऐसा नहीं लगता कि विज्ञापन गायब होंगे। लोग अब भी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए Google का इस्तेमाल करते हैं, चाहे बीमा का कोटेशन लेना हो या पास के किसी बिजनेस को ढूंढना, हर जगह इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।''
उन्होंने बताया कि अब लोग सर्च करने के नए तरीके अपना रहे हैं। जैसे किसी जूते की फोटो लेकर वैसा ही दूसरा जूता ढूंढना या फिर दोस्तों के बड़े ग्रुप के लिए खाने की जगह पूछना। ऐसे में जब लोग इस तरह AI से बात करते हैं तो AI के जरिए दिखाए जाने वाले विज्ञापन और भी ज्यादा सही और काम के बनाए जा सकते हैं।
Google और OpenAI जैसी कंपनियां अपने AI टूल्स को फ्री और पेड वर्जन में ऑफर करती हैं। AI मॉडल्स को चलाने में बहुत ज्यादा खर्च आता है खासकर फ्री यूजर्स के लिए। इसलिए AI सिस्टम्स में विज्ञापन शामिल करना एक स्थायी माधान हो सकता है ताकि फ्री वर्जन भी लंबे समय तक चल सके।
AI के जवाब पुराने सर्च रिजल्ट्स की तरह नहीं होते हैं बल्कि बातचीत के रूप में आते हैं जैसे आप किसी इंसान से चैट कर रहे हों। अब Google इसमें विज्ञापन को भी स्वाभाविक तरीके से जोड़ने की कोशिश कर रहा है ताकि यूजर को जानकारी और प्रमोशन दोनों साथ में मिलें।
अगर इस बात को एक उदाहरण से समझें - अगर कोई यूजर पूछे, ''वीडियो एडिटिंग के लिए कौन-सा लैपटॉप अच्छा है?'' तो AI अपने जवाब में एक पेड सुझाव (Sponsored Suggestion) भी दिखा सकता है। किसी खास ब्रांड का लैपटॉप, ठीक उसी तरह जैसे आज Google Search में ''Sponsored Results'' दिखाई देते हैं।
हालांकि यह नया तरीका विज्ञापनों को और उपयोगी बना सकता है, लेकिन इससे ट्रांसपेरेंसी की चिंता भी बढ़ी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूजर को साफ पता होना चाहिए कि कौन-सा सुझाव AI का नेचुरल जवाब है और कौन-सा कंटेंट स्पॉन्सर्ड है।
Google ने फिलहाल इस फीचर को टेस्टिंग के रूप में शुरू किया है। कंपनी यूजर्स की प्रतिक्रिया और अनुभव को समझने के बाद ही इसे व्यापक स्तर पर लागू करेगी।
इसी बीच खबरें ये भी हैं कि OpenAI (ChatGPT पर) भी अब विज्ञापन दिखाने पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि कंपनी ऐसे ऐड्स लाने की सोच रही है जो यूजर की चैट हिस्ट्री और पसंद के अनुसार दिखाए जाएं ताकि हर व्यक्ति को उसके लिए ज्यादा उपयोगी विज्ञापन मिलें।