GST on UPI transactions: ACI Worldwide की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2023 में दुनिया भर के रियल-टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन्स का लगभग 49% हिस्सा अकेले संभाला है। FY 2019-20 में जहां...
GST on UPI Transactions: आजकल मोबाइल से पैसे भेजना हो या चाय की दुकान पर QR कोड स्कैन करना, UPI ने सब कुछ बेहद आसान बना दिया है। लेकिन जैसे-जैसे डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल बढ़ा है, वैसे-वैसे इससे जुड़ी गलत जानकारियां और अफवाहें भी तेजी से फैलने लगी हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक खबर ने लोगों को चौंका दिया। दावा किया गया कि 2000 रुपये से ज्यादा के UPI ट्रांजेक्शन पर अब GST चार्ज किया जाएगा। इस खबर ने यूजर्स के बीच भ्रम और चिंता बढ़ा दी। लेकिन क्या यह सच है या फिर महज एक अफवाह? चलिए, तथ्यों की मदद से सच्चाई को समझते हैं।
वित्त मंत्रालय ने इन अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, जिसमें 2000 रुपये से अधिक के UPI ट्रांजेक्शन्स पर GST लगाने की बात हो। PIB (Press Information Bureau) के जारी स्पष्टीकरण में इस तरह की खबरों को भ्रामक और बेबुनियाद बताया गया है।
सरकार ने ये भी बताया कि UPI ट्रांजेक्शन्स पर GST तब लागू होता है जब पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर मर्चेंट से MDR (Merchant Discount Rate) चार्ज करते हैं। लेकिन 1 जनवरी 2020 से P2M (Person to Merchant) ट्रांजेक्शन्स पर MDR को पूरी तरह हटा दिया गया है। जब MDR नहीं है, तो GST की बात भी नहीं बनती।
सरकार ने FY 2021-22 से एक विशेष इंसेंटिव स्कीम शुरू की है जिसका मकसद UPI के जरिए किए गए छोटे मर्चेंट ट्रांजेक्शन्स को प्रोत्साहन देना है। इस स्कीम के तहत सरकार ने अब तक करोड़ों रुपये का फंड आवंटित किया है।
FY 2021-22: 1,389 करोड़ रुपये
FY 2022-23: 2,210 करोड़ रुपये
FY 2023-24: 3,631 करोड़ रुपये
ACI Worldwide की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2023 में दुनिया भर के रियल-टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन्स का लगभग 49% हिस्सा अकेले संभाला है। FY 2019-20 में जहां कुल UPI वैल्यू 21.3 लाख करोड़ रुपये थी, वहीं 2025 तक ये बढ़कर 260.56 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। मर्चेंट ट्रांजेक्शन्स की बात करें तो यह आंकड़ा 9.3 लाख करोड़ करोड़ तक जा पहुंचा है।