Refurbished Gadgets in India: पहले यह ट्रेंड मेट्रो शहरों तक सीमित था लेकिन अब छोटे शहरों और कस्बों में भी युवाओं के बीच ब्रांडेड रीफर्बिश्ड गैजेट्स की मांग बढ़ रही है।
Refurbished Gadgets in India: तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की होड़ में आज की युवा पीढ़ी अब स्मार्ट चॉइस की ओर बढ़ रही है। ब्रांडेड गैजेट्स की चाह रखने वाले युवा अब सेकंड हैंड और रीफर्बिश्ड मोबाइल-लैपटॉप की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। वजह साफ है कि कम कीमत में स्टाइलिश और ब्रांडेड प्रोडक्ट्स मिल जाते हैं जो जेब पर भी भारी नहीं पड़ते हैं।
हर युवा चाहता है कि उसके पास एक स्टाइलिश और दमदार स्मार्टफोन या लैपटॉप हो लेकिन नए गैजेट्स की कीमत आम बजट से कहीं बाहर होती है। ऐसे में सेकंड हैंड डिवाइसेज या रीफर्बिश्ड प्रोडक्ट्स एक स्मार्ट विकल्प बनकर सामने आए हैं।
IDC India की 2024 'Used Device Tracker' रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सेकंड हैंड और रीफर्बिश्ड स्मार्टफोन मार्केट में 9.6% की सालाना वृद्धि हो रही है। 2023 में लगभग 1.8 से 2 करोड़ यूनिट्स बिके हैं। इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी Apple (iPhone) की रही जिसने 25% मार्केट शेयर के साथ लीड किया। इसके बाद Xiaomi Samsung और OnePlus जैसे ब्रांड्स की भी अच्छी डिमांड रही है।
छात्र अमर शाह ने बताया, 'मैंने हाल ही में एक रीफरबिश्ड आइफोन-14 लिया है, जिसकी हालत एकदम नई जैसी है और कीमत लगभग 40 फीसदी कम थी। इससे न केवल मुझे एक लैगशिप फोन मिल गया, बल्कि ज्यादा पैसा भी नहीं देना पड़ा।'
वहीं, ग्राफिक डिजाइनर सक्षम का कहना है कि, 'कम पैसों में ज्यादा ब्रांड वैल्यू मिल जाए तो कौन नहीं चाहेगा। मैं एक ग्राफिक डिजाइनर के साथ सोशल मीडिया हैंडलर हूं। कई बार सस्ते लैपटॉप पर काम करते हुए मैंने महसूस किया कि वो बहुत ज्यादा अटकते हैं, जिस वजह मैंने सेकंड हैंड मैकबुक लिया है।
रीफर्बिश्ड प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग सिर्फ जेब को ही राहत नहीं मिल रही है बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर दिख रहा है।
UN की Global E-waste Monitor 2024 के मुताबिक, 2022 में दुनिया भर में 62 मिलियन टन ई-कचरा पैदा हुआ जिसमें भारत तीसरे नंबर पर था। ऐसे में पुराने इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स का दोबारा उपयोग E-waste को कम करने में मददगार साबित हो रहा है।
पहले यह ट्रेंड मेट्रो शहरों तक सीमित था लेकिन अब छोटे शहरों और कस्बों में भी युवाओं के बीच ब्रांडेड रीफर्बिश्ड गैजेट्स की मांग बढ़ रही है। कम कीमत में ब्रांडेड डिवाइस का अनुभव पाने की चाह ने सेकंड हैंड बाजार को नया जीवन दे दिया है।