SIM Box Scam: आंध्र प्रदेश पुलिस ने 20 करोड़ की साइबर ठगी का भंडाफोड़ किया है। जानिए क्या है SIM Box तकनीक और कैसे विदेशी कॉल को लोकल बनाकर आपको ठगा जा रहा है।
SIM Box Scam Kya Hai: अक्सर हमारे फोन की घंटी बजती है। स्क्रीन पर नंबर तो अपने ही देश का यानी +91 वाला दिखता है, लेकिन उधर से बात करने वाला या तो कोई रिकॉर्डेड वॉइस होती है या फिर कोई ऐसा शख्स, जिसका लहजा संदिग्ध लगता है। अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है, तो समझ लीजिए कि आप एक बड़े खतरे के करीब थे।
आंध्र प्रदेश की साइबर पुलिस ने एक ऐसे ही खतरनाक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो टेक्नोलॉजी की आड़ में लोगों की गाढ़ी कमाई लूट रहा था। पुलिस की कार्रवाई में जो खुलासा हुआ है, वो चौंकाने वाला है। यह स्कैम 'सिम बॉक्स (SIM Box)' तकनीक के जरिए चलाया जा रहा था और ठगों ने अब तक करीब 20 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया है।
साधारण शब्दों में समझें तो ठगों ने एक पैरेलल टेलीफोन एक्सचेंज खोल रखा था। सिम बॉक्स एक ऐसा डिवाइस है, जो इंटरनेट के जरिए आने वाली विदेशी कॉल्स को लोकल कॉल में बदल देता है। यानी, कॉल आ रही है सात समुंदर पार से, लेकिन आपके मोबाइल स्क्रीन पर दिखेगी जैसे भारत के ही किसी शहर से आई हो। इसी भरोसे का फायदा उठाकर ये जालसाज लोगों को अपना शिकार बनाते थे।
जब पुलिस ने सुराग मिलने पर छापेमारी शुरू की, तो नजारा देखकर अधिकारी भी दंग रह गए। अलग-अलग जगहों से पुलिस ने 14 सिम बॉक्स डिवाइस बरामद किए। इतना ही नहीं, इनके पास से 1,500 से ज्यादा ऐसे सिम कार्ड मिले, जिन्हें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खरीदा गया था। पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए इस नेटवर्क से जुड़े 20 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें सिम बेचने वाले एजेंट से लेकर नेटवर्क संभालने वाले हैंडलर्स तक शामिल हैं।
इस कहानी में असली मोड़ तब आया जब जांच की आंच पश्चिम बंगाल तक पहुंची। पुलिस ने वहां से एक विदेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि यही वो टेक्निकल मास्टरमाइंड था, जो भारत में घुसकर इन मशीनों को इंस्टॉल करता था और स्थानीय लोगों को ट्रेनिंग देता था कि सिस्टम को कैसे ऑपरेट करना है।
ये ठग सिर्फ कॉल रूटिंग में ही नहीं, बल्कि पैसे छिपाने में भी माहिर थे। पुलिस के मुताबिक, ठगी की रकम को सीधे बैंक में रखने के बजाय क्रिप्टोकरेंसी और फर्जी नामों से खोले गए बैंक खातों के जरिए इधर-उधर किया जा रहा था। कस्टम विभाग को भी चकमा देकर ये हाई-टेक डिवाइस भारत लाए गए थे।
फिलहाल पुलिस मान रही है कि यह तो सिर्फ हिमखंड का ऊपरी हिस्सा है। आशंका है कि देश के कई और राज्यों में ऐसे सिम बॉक्स अभी भी एक्टिव हो सकते हैं। पुलिस ने साफ कहा है कि अनजान नंबरों से सावधान रहें और कुछ भी शक होने पर रिपोर्ट करें।
पुलिस की कार्रवाई अपनी जगह है, लेकिन एक यूजर के तौर पर आपकी सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। नीचे बताई जा रही 4 बातों का हमेशा ध्यान रखें।
सिर्फ +91 काफी नहीं: अगर कॉल भारतीय नंबर (+91) से आ रही है, लेकिन सामने वाला खुद को विदेशी अधिकारी, कस्टम विभाग या पुलिस बता रहा है, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
आवाज पहचानें: सिम बॉक्स वाली कॉल अक्सर इंटरनेट से होकर आती है, इसलिए आवाज में थोड़ी देरी (Lag) या गूंज होती है। अगर बात करते वक्त अजीब सा पॉज लगे, तो फोन काट दें।
धमकी से डरें नहीं: ठग अक्सर डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाते हैं। याद रखें, पुलिस या जांच एजेंसियां कभी भी वॉट्सऐप या वीडियो कॉल पर पूछताछ नहीं करतीं।
तुरंत रिपोर्ट करें: अगर शक हो, तो भारत सरकार के साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या sancharsaathi.gov.in के 'चक्षु (Chakshu)' पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं।