27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ऑनलाइन शॉपिंग: 1400 का स्पीकर 1475 में कैसे पड़ा? आपकी जेब काटने के लिए कंपनियां अपना रही हैं ये Dark Pattern

Dark Patterns Online Shopping: 1400 का स्पीकर 1475 में कैसे पड़ा? यह ड्रिप प्राइसिंग का खेल है। ऑनलाइन हिडन चार्ज से बचें। शिकायत के लिए 8800001915 पर WhatsApp करें।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Rahul Yadav

Dec 27, 2025

Dark Patterns Online Shopping

Dark Patterns Online Shopping (Image: Gemini)

Dark Patterns Online Shopping: आपने भी कभी न कभी तो ये महसूस किया होगा कि आप फोन पर स्क्रॉल कर रहे हैं, अचानक एक ब्लूटूथ स्पीकर या कोई और प्रोडक्ट बेहद सस्ती कीमत पर दिखता है। आप खुश हो जाते हैं, सोचते हैं 'अरे वाह! क्या डील है।' कम कीमत देखकर आप झट से Buy Now बटन दबा देते हैं।

लेकिन, जैसे ही आप पेमेंट वाले पेज पर पहुंचते हैं… अरे ये क्या? वो 1400 रुपये का सामान अचानक 1475 या 1500 का कैसे हो गया?

हम में से ज्यादातर लोग सोचते हैं कि शायद किसी भी प्रकार का टैक्स होगा और चुपचाप पेमेंट कर देते हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि यह कोई टैक्स या वाजिब खर्चा नहीं है। यह आपकी जेब से एक्स्ट्रा पैसे निकलवाने का एक चालाक तरीका है, तकनिकी भाषा में जिसे ड्रिप प्राइसिंग (Drip Pricing) कहा जाता है।

Online Shopping Hidden Charges: सरकार की सख्त चेतावनी, ये बिजनेस नहीं, धोखा है

डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स (Department of Consumer Affairs) ने अब इस पर सख्त रुख अपनाया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि ये बिजनेस टैक्टिक नहीं, बल्कि धोखा है। इसे तकनीकी दुनिया में डार्क पैटर्न (Dark Patterns) कहा जाता है। सरकार ने एक एक्स पोस्ट के जरिए समझाया है कि ये खेल कैसे होता है।

Drip Pricing: समझिए 75 रुपये का पूरा गणित

सरकार ने जो उदाहरण शेयर किया है, वो बड़ा दिलचस्प है। मान लीजिए आपको स्क्रीन पर एक ब्लूटूथ स्पीकर 1400 रुपये का दिखाया गया। आप उसे कार्ट में डालते हैं। अब देखिए बिल कैसे बढ़ता है।

  • सामान की कीमत: 1400 रुपये
  • फिर जुड़ा पैकिंग शुल्क: 25 रुपये
  • फिर आया प्लेटफॉर्म शुल्क: 10 रुपये
  • और अंत में डिलीवरी शुल्क: 40रुपये
  • कुल बिल: 1475 रुपये

दिक्कत 75 रुपये एक्स्ट्रा देने में नहीं है, दिक्कत ये है कि ये आपको पहले क्यों नहीं बताया गया? शुरुआत में कम दाम दिखाकर ग्राहक को ललचाना और चेकआउट तक लाते-लाते कीमत बढ़ा देना ही ड्रिप प्राइसिंग है। ड्रिप यानी जैसे बूंद-बूंद करके पानी गिरता है, वैसे ही ये कंपनियां बूंद-बूंद करके कीमत बढ़ाती हैं।

National Consumer Helpline Number: चुप न रहें, ऐसे सिखाएं सबक

अगर अगली बार किसी वेबसाइट या ऐप पर आपके साथ ऐसा हो, तो मन मसोस कर न रह जाएं। सरकार ने अब शिकायत करना बहुत आसान कर दिया है। आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं, बस अपने फोन से नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर 1915 पर कॉल करके या फिर 8800001915 पर WhatsApp कर के शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

हमारी सलाह: अगली बार जब भी कोई धमाकेदार सेल देखें, तो पेमेंट का बटन दबाने से पहले प्राइस ब्रेकअप (कीमत का ब्यौरा) जरूर चेक कर लें। कहीं डिस्काउंट के नाम पर आपसे पैकिंग और प्लेटफॉर्म फीस तो नहीं वसूली जा रही? जागरूक बनिए, क्योंकि आपकी गाढ़ी कमाई पर पहला हक आपका है, किसी हिडन चार्ज का नहीं।