UPI यूजर्स को एक खास फीचर मिलने जा रहा है। हम इस आर्टिकल में फेस और फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन से जुड़ी 5 जरूरी बातें जानेंगे, पढ़ें पूरी खबर।
UPI Face and Fingerprint Authentication: UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस को अब एक बड़ा अपडेट मिलने जा रहा है। जल्द ही यूजर्स अपने डिजिटल पेमेंट्स को फिंगरप्रिंट या फेस रिकग्निशन के माध्यम से ऑथेंटिकेट कर सकेंगे। इसका मतलब है पेमेंट करने के लिए UPI PIN डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह कदम पेमेंट्स को तेज, आसान और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
NPCI ने जारी सर्कुलर में बताया कि यह नया फीचर ऑप्शनल होगा, यानी यूजर चाहे तो पुराने तरीके से PIN डालकर भी पेमेंट कर सकता है।
इस नए फीचर के तहत यूजर अपने स्मार्टफोन के बिल्ट-इन सिक्योरिटी ऑप्शंस, जैसे फिंगरप्रिंट या फेस अनलॉक का इस्तेमाल UPI पेमेंट्स के लिए कर सकते हैं। यह सुविधा पूरी तरह से यूजर की इच्छा पर आधारित है।
NPCI ने Aadhaar-लिंक्ड अकाउंट्स के लिए फेस ऑथेंटिकेशन की सुविधा भी पेश की है। इसके जरिए यूजर अपने UPI PIN को सेट या रीसेट कर सकते हैं जिससे बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन और आसान हो जाएगी।
शुरुआत में बायोमेट्रिक पेमेंट्स की लिमिट 5,000 रुपये तक होगी। बाद में NPCI इस लिमिट की समीक्षा करके इसे बढ़ा सकती है।
एक्सपर्ट्स का मानन है कि बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन UPI फ्रॉड को कम करने में मदद करेगा। हालांकि, इससे प्राइवेसी और कानून से जुड़ी चिंताएं भी बढ़ेंगी। इसके लिए सरकार और रेगुलेटर्स को मजबूत सुरक्षा और पारदर्शिता के नियम बनाने होंगे।
कुल-मिलाकर UPI पेमेंट्स में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से लेन-देन तेज, सुरक्षित और यूजर-फ्रेंडली होंगे। यह बदलाव खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो PIN भूल जाते हैं या हर बार डालना मुश्किल समझते हैं।