Exercise For Hips: अगर आप अपने हिप्स को टोन करना चाहते हैं, तो ये 3 योगासन आपकी रूटीन में जरूर शामिल होने चाहिए। ये न सिर्फ वजन घटाने में मदद करते हैं, बल्कि आपके शरीर को मजबूत और सक्रिय भी बनाते हैं।
Exercise For Hips: आज के समय में हिप्स और थाइज (जांघों) में चर्बी बढ़ना एक आम समस्या बन गई है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो लंबे समय तक बैठकर काम करती हैं या जिनकी शारीरिक गतिविधि कम होती है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि रोजाना कुछ आसान योगासन अपनाकर इस चर्बी को कम किया जा सकता है। योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि शरीर को लचीला, मजबूत और संतुलित भी करता है। आइए जानते हैं हिप्स के लिए असरदार एक्सरसाइज और उन्हें करने का सही तरीका।
उत्कटासन को 'चेयर पोज' भी कहा जाता है क्योंकि इसमें बैठने की मुद्रा कुर्सी जैसी होती है। यह आसन हिप्स, थाइज और पैरों की मांसपेशियों को एक्टिव करता है और उन्हें टोन करता है।
कैसे करें
-सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों को कंधे की चौड़ाई जितना फैलाएं।
-दोनों हाथों को सामने या ऊपर की ओर उठाएं।
-अब घुटनों को मोड़ते हुए बैठें जैसे कुर्सी पर बैठ रहे हों।
-पीठ सीधी रखें और सामने देखें।
-इस मुद्रा को 30 से 40 सेकंड तक बनाए रखें।
-फिर धीरे-धीरे खड़े हो जाएं।
-इसे 3 से 5 बार दोहराएं।
यह आपके निचले शरीर को मजबूती देती है और खासकर जांघों और हिप्स की चर्बी को कम करने में कारगर होती है।
कैसे करें
-सीधे खड़े हों और एक पैर को आगे और एक को पीछे रखें (3-4 फीट की दूरी पर)।
-आगे वाला घुटना मोड़ें ताकि वह 90 डिग्री पर आ जाए।
-दोनों हाथों को सीधा फैलाएं – एक आगे और एक पीछे।
-सिर को आगे वाले हाथ की दिशा में मोड़ें।
-इस मुद्रा में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहें।
-फिर दूसरी दिशा में करें।
-इसे 2 से 3 बार दोहराएं।
यह योगासन न केवल हिप्स और थाइज को टोन करता है, बल्कि पीठ और पेट की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है। यह आसन तनाव कम करने और रीढ़ को स्ट्रेच देने में भी मदद करता है।
कैसे करें
-पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को मोड़ें, पैरों को ज़मीन पर टिकाएं।
-हाथों को शरीर के पास रखें, हथेलियां नीचे की तरफ हों।
-अब सांस लेते हुए धीरे-धीरे कमर को ऊपर उठाएं।
-शरीर एक पुल जैसा दिखेगा।
-20 से 30 सेकंड तक इस स्थिति में रहें।
-फिर धीरे-धीरे नीचे आएं।
-इसे 3 से 4 बार दोहराएं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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