लाइफस्टाइल

5 Sleep Profiles : वैज्ञानिकों ने खोजा सोने का ये 5 ‘तरीका’, आप किस कैटेगरी के हैं और क्या है इसका मतलब

5 Sleep Profiles : एक नई रिसर्च में वैज्ञानिकों ने नींद को लेकर 5 अलग-अलग कैटेगरी खोजी हैं। जानें कौन-सा ‘स्लीप टाइप’ आपके मूड, दिमाग और सेहत को कैसे प्रभावित करता है, और नींद सुधारने के आसान तरीके।

2 min read
Nov 01, 2025
5 Sleep Profiles (photo- gemini ai)

5 Sleep Profiles : नींद हमारे शरीर और दिमाग के लिए उतनी ही जरूरी है जितना खाना और पानी। लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग ठीक से सो नहीं पाते। आंकड़ों के मुताबिक, हर 3 में से 1 अमेरिकी वयस्क को पर्याप्त नींद नहीं मिलती। कई लोग तो नींद लाने के लिए दवाइयां, सप्लीमेंट्स या मोबाइल ऐप्स का सहारा लेते हैं। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने नींद को लेकर एक दिलचस्प खोज की है। लोगों के सोने के 5 अलग-अलग प्रकार यानी स्लीप कैटेगरी होती हैं।

यह रिसर्च PLOS Biology नाम की जर्नल में छपी है। इसमें 700 से ज्यादा युवाओं की नींद, मूड, दिमागी गतिविधि और लाइफस्टाइल का अध्ययन किया गया। वैज्ञानिकों का कहना है कि हर व्यक्ति का सोने का पैटर्न अलग होता है, और उसी के हिसाब से उसका मूड, स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति बदलती है। अब जानते हैं वो 5 स्लीप टाइप्स कौन-सी हैं।

ये भी पढ़ें

Good Sleeping Posture: नींद न आने की टेंशन खत्म! जानिए किस करवट सोने से तुरंत आ सकती है नींद

बेचैन नींद वाले (LC1)

ये लोग रात में ठीक से नहीं सो पाते, बार-बार आंख खुलती है या नींद टूटती रहती है। सुबह उठकर भी थकान महसूस होती है। ऐसे लोगों में तनाव, चिंता और डिप्रेशन के लक्षण ज़्यादा पाए गए।

तनावग्रस्त लेकिन नींद ठीक (LC2)

इस ग्रुप के लोग मानसिक रूप से परेशान रहते हैं, लेकिन उनकी नींद पर इसका असर नहीं पड़ता। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये लोग स्लीप रेजिलिएंट यानी नींद के मामले में मजबूत होते हैं।

नींद की दवाइयों पर निर्भर (LC3)

इन लोगों की नींद अच्छी रहती है, लेकिन वे सोने के लिए दवाइयों का सहारा लेते हैं। भले ही उनकी शारीरिक सेहत ठीक हो, लेकिन धीरे-धीरे मेमोरी और इमोशनल बैलेंस पर असर पड़ सकता है।

कम नींद लेने वाले (LC4)

ये लोग रोजाना 5 से 6 घंटे ही सोते हैं और सोचते हैं कि सब ठीक है। लेकिन शोध बताता है कि कम नींद से याददाश्त और ध्यान पर बुरा असर पड़ता है।

टूट-टूटकर सोने वाले (LC5)

इस कैटेगरी में वो लोग आते हैं जिनकी नींद बार-बार टूटती है, या जिन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है (जैसे स्लीप एप्निया)। ये लोग अक्सर थके हुए, चिड़चिड़े रहते हैं और कई बार मानसिक तनाव से गुजरते हैं।

आपका स्लीप टाइप क्या कहता है?

अगर आपको नींद नहीं आती, बीच-बीच में आंख खुल जाती है या सुबह उठकर भी नींद पूरी नहीं लगती तो ये संकेत हैं कि आपकी नींद की कैटेगरी LC1 या LC5 जैसी हो सकती है। वहीं, जो लोग देर रात तक मोबाइल चलाते हैं और कम सोते हैं, वे LC4 में आते हैं।

कैसे सुधारें नींद की क्वालिटी

रोज एक ही समय पर सोने और उठने की आदत डालें। सोने से पहले मोबाइल, टीवी और लैपटॉप से दूर रहें। कमरा ठंडा, शांत और अंधेरा रखें। योग, ध्यान और नियमित एक्सरसाइज करें। अगर फिर भी दिक्कत बनी रहे तो डॉक्टर से सलाह लें।

ये भी पढ़ें

Heart Patient: दिल के मरीज ध्यान दें, सोने का सही तरीका क्या है? रिसर्च से मिले चौंकाने वाले जवाब

Updated on:
01 Nov 2025 03:45 pm
Published on:
01 Nov 2025 03:10 pm
Also Read
View All

अगली खबर