Chicken vs fish: प्रोटीन वह पोषक तत्व है जो आपको दो घंटे बाद फिर से भूख महसूस होने से रोकता है और उम्र बढ़ने के साथ आपकी मांसपेशियों को कमजोर होने से बचाता है। चिकन और फिश इस सूची में सबसे ऊपर इसलिए आते हैं क्योंकि ये दुनिया भर में आसानी से उपलब्ध हैं और इन्हें कई तरह की रेसिपीज में शामिल किया जा सकता है।
Chicken vs fish: यह सवाल अक्सर उन लोगों के मन में आता है जो फिटनेस, वजन घटाने या हेल्दी डाइट को लेकर सचेत रहते हैं। दोनों ही शरीर को ऊर्जा देने, मसल्स बनाने, इम्यूनिटी मजबूत करने और हार्ट हेल्थ सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन इनके न्यूट्रिशन, फैट, विटामिन और ओमेगा प्रोफाइल में बड़ा अंतर है। इसलिए आपकी हेल्थ गोल्स के हिसाब से कौन सा विकल्प बेहतर है, इसी पर निर्भर करता है कि आपकी थाली में किसे पहला नंबर मिलना चाहिए। आइए, आसान तुलना के लिए दोनों के फायदों को विस्तार से समझते हैं।
चिकन उन लोगों की पहली पसंद होता है जो हल्का और कम-फैट वाला प्रोटीन लेना चाहते हैं। खासकर चिकन ब्रेस्ट बिना त्वचा के इसे खाने पर इसमें फैट लगभग ना के बराबर होता है।सिर्फ 3 औंस (लगभग 85 ग्राम) में करीब 26 ग्राम प्रोटीन मिल जाता है।यह कैलोरी और सैचुरेटेड फैट दोनों में कम होता है, इसलिए वेट मैनेजमेंट में काफी मददगार है।डार्क मीट यानी लेग पीस, थाई आदि में प्रोटीन के साथ-साथ आयरन, जिंक और सेलेनियम भी होता है। इसमें फैट थोड़ा ज्यादा होता है (लगभग 9 ग्राम/85 ग्राम), लेकिन अगर इसे ग्रिल या बेक किया जाए तो यह भी हेल्दी विकल्प बन जाता है।
फिश सिर्फ प्रोटीन का ही नहीं, बल्कि ओमेगा-3 फैटी एसिड का सबसे अच्छा स्रोत है, जो दिल, दिमाग, मूड और इन्फ्लेमेशन के लिए बेहद जरूरी है। यह खासतौर पर सैल्मन, सार्डिन, ट्यूना, मैकेरल, ऐन्कोवीज जैसी मछलियों में मिलता है। 3 औंस वाइल्ड सैल्मन में लगभग 23 ग्राम प्रोटीन और करीब 1.5 ग्राम ओमेगा-3 मिल जाता है, जो दूसरी किसी भी मीट में मुश्किल से मिलता है। इसके अलावा फिश में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस जैसे मिनरल्स भी प्रचुर मात्रा में होते हैं।ध्यान रखने वाली बात,बड़ी मछलियों में कभी-कभी पारा (mercury) की मात्रा ज्यादा हो सकती है, इसलिए मछलियों की किस्म बदल-बदलकर खाना बेहतर है।
दोनों ही अच्छे हैं।चिकन भरपूर लीन प्रोटीन, आयरन और जिंक देता है।फिश ओमेगा-3, मिनरल्स और दिल के लिए अतिरिक्त फायदे लेकर आती है।असल में मामला चिकन और फिश का नहीं है, बल्कि कब, किस तरह और क्यों आप क्या खा रहे हैं इसका है।यदि आप कम फैट और हाई प्रोटीन चाहते हैं, तो चिकन बढ़िया है।अगर आप दिल, दिमाग और सूजन के लिए फायदेमंद फैट चाहते हैं, तो फिश बेहतरीन है।दोनों को संतुलित तरीके से शामिल करना ही आपकी सेहत की प्लेट का असली हीरो है।