Dry Fruits In Diabetes: डायबिटीज मरीजों के लिए संतुलित खान-पान जरूरी है ताकि ब्लड शुगर कंट्रोल में रहे। ड्राई फ्रूट्स का सही चयन भी इसमें अहम भूमिका निभाता है। आइए जानें कौन से ड्राई फ्रूट्स फायदेमंद हैं और किनसे बचना चाहिए।
Dry Fruits In Diabetes: डायबिटीज यानी मधुमेह आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बेहद आम बीमारी बन चुकी है। लाइफस्टाइल में गड़बड़ी, खराब खानपान, मोटापा और तनाव के कारण हर उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में खाने-पीने को लेकर सतर्क रहना बहुत जरूरी है। खासतौर पर ड्राईफ्रूट्स यानी सूखे मेवे, जिन्हें हेल्दी माना जाता है, लेकिन कुछ ड्राईफ्रूट्स ऐसे भी हैं जो ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकते हैं। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को यह समझना बहुत जरूरी है कि कौन से ड्राईफ्रूट्स (Healthy Dry Fruits In Diabetes) फायदेमंद हैं और किनसे दूरी बनाना जरूरी है। अंत में जानेंगे किन ड्राईफ्रूट्स का सेवन करना चाहिए और किनसे दूरी बनानी चाहिए।
प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट्स और मैग्नीशियम से भरपूर बादाम ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। रोज़ाना सीमित मात्रा में सेवन फायदेमंद है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर अखरोट दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है और ब्लड शुगर पर भी नकारात्मक असर नहीं डालता।
पिस्ता फाइबर और प्रोटीन से भरपूर है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने और ओवरईटिंग को रोकने में मदद करता है।
हालांकि किशमिश में आयरन और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, लेकिन इनमें नैचुरल शुगर अधिक होती है, जिससे ब्लड शुगर तेजी से बढ़ सकता है। सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
खजूर में भी हाई शुगर कंटेंट होता है। डायबिटीज मरीजों के लिए यह ब्लड शुगर को असंतुलित कर सकता है। सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
अंजीर फाइबर युक्त है, लेकिन सूखने के बाद इसमें शुगर की मात्रा काफी बढ़ जाती है। हाई ब्लड शुगर वालों को इससे परहेज करना चाहिए।
-ड्राईफ्रूट्स हमेशा सीमित मात्रा में ही खाएं।
-शक्कर या शहद में डूबे, चॉकलेट कोटेड या फ्लेवर्ड ड्राईफ्रूट्स से पूरी तरह बचें।
-डॉक्टर या डाइटीशियन से सलाह लेकर ही डाइट में शामिल करें।
-अनसाल्टेड और अनरॉस्टेड ड्राईफ्रूट्स को प्राथमिकता दें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।