Eye Parasites: भोपाल के एम्स हॉस्पिटल से एक मामला सामने आया, जहां एक व्यक्ति की आंख में लगभग 1 इंच लंबा कीड़ा पाया गया। ऐसे में जानिए किन कारणों से आंख में पनपते हैं ऐसे कीड़े और इसका बचाव कैसे किया जा सकता है।
Eye Parasites: भोपाल के एम्स (AIIMS) में एक मामला सामने आया, जहां एक व्यक्ति की आंख में एक इंच लंबा जीवित पैरासाइट घुस गया था, जिससे उसकी आंखों में लालिमा आ गई थी। इस तरह का दर्लभ मामला दुनिया भर में अबतक 3-4 ही सामने आए हैं। युवक ने एम्स भोपाल के नेत्र विज्ञान विभाग में जांच कराई, और तब जाकर आंखों में एक जीवित पेरासाइट घुसने की बात का पता चल पाया। इस पेरासाइट की लंबाई 1 इंच थी, जिसे देखकर डॉक्टर भी चौंक गए। लेकिन आंखों में पैरासाइट कैसे घुस जाते हैं या यूं कह लें कि आंखों में इस तरह की कीड़े कैसे पनप जाते हैं। इसके कारण व बचाव के बारे में हम विस्तार से जानेंगे।
भोपाल के एम्स अस्पताल के डॉक्टरों ने एक जटिल सर्जरी के दौरान एक व्यक्ति की आंख से जीवित कीड़ा निकाला। यह एक काफी चौंकाने वाला मामला था, जहां एक युवक की आंखों में तेजी से लाली आ गई और उसे देखने में भी कठिनाई होने लगी था। दवाइयां लेने के बावजूद उसकी दृष्टि लगातार कमजोर होती जा रही थी। लेकिन जब जांच की गई, तो पता चला कि उसकी आंखों में एक जीवित पैरासाइट घुस गया था। इस पेरासाइट की लंबाई 1 इंच थी, जिसे देखकर डॉक्टर भी चौंक गए। जांच के बाद डॉक्टरों ने यह भी बताया कि यह पैरासाइट युवक के शरीर में कैसे आया और कैसे उसकी आंखों तक फैल गया।
आंखों में लाली या जलन होना, ऐसे कॉर्निया जो धुंधले या गंदे दिखाई देते हैं, या जिनकी सतह पर छल्ले के आकार का एक क्षेत्र होता है। धुंधली या कमजोर दृष्टि (जो आमतौर पर गंभीर या उन्नत मामलों में होती है)।
एम्स के डॉक्टर ने चेतावनी दी है कि मांस को अच्छी तरह से पका कर ही खाना चाहिए। उन्होंने बताया कि कच्चा या अधपका मांस परजीवी के शरीर में प्रवेश का कारण बन सकता है, जो त्वचा, मस्तिष्क, आंखों सहित विभिन्न अंगों में फैलकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि खासकर जब लोग फ्रोजन मछली खाते हैं, तो इसमें एक जीवन चक्र होता है। मछली के मांस में अंडे होते हैं, जो पेट में पहुंचने के बाद लार्वा में बदल जाते हैं। इस समय लार्वा बहुत छोटे होते हैं और रक्त में मिलकर शरीर के किसी भी अंग में फैल सकते हैं। जब ये सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाते हैं, तो इनका आकार बढ़ने लगता है, जिससे बाद में इन्हें निकालना मुश्किल हो जाता है।
अगर आप भी मांस खाने के शौकीन हैं, तो मांस को अच्छी तरह से पकाना स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। मांस को पकाने की सही प्रक्रिया इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस प्रकार का मांस खा रहे हैं और उसे किस तापमान पर पका रहे हैं।
आमतौर पर, मांस को कम से कम 70°C (160°F) तक पकाना चाहिए ताकि उसमें मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया और परजीवी मर सकें।इसलिए, मांस को अच्छी तरह से पकाने के लिए यह जरूरी है कि इसे पूरी तरह से गर्म किया जाए, खासकर चिकन, बीफ, और मटन जैसे मांस को।