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कानपुर नहीं, ये है भारत का असली Footwear City, मुगल इतिहास से है गहरा नाता

Footwear City in India: भारत के कई शहर ऐसे हैं जो अपनी खास पहचान और मजबूत इंडस्ट्री के लिए जाने जाते हैं और देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाते हैं। इन्हीं में से एक शहर भारत का फुटवियर सिटी कहलाता है। हालांकि, कई लोग इसे कानपुर मानते हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और है। आइए जानिए भारत का असली फुटवियर सिटी कौन-सा शहर है।

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Dec 15, 2025
Heritage Footwear India|फोटो सोर्स -Freepik

Footwear City in India: भारत के कई शहर अपनी खास पहचान और पारंपरिक उद्योगों के लिए मशहूर हैं। कहीं कपड़ा उद्योग ने अलग पहचान बनाई है, तो कहीं हीरे-जवाहरात और कहीं खूबसूरत हैंडीक्राफ्ट ने दुनियाभर में नाम कमाया है। इसी तरह भारत का Footwear City भी सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना चुका है।

हालांकि, कई लोगों को आज भी लगता है कि भारत का फुटवियर सिटी कानपुर है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। कानपुर नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश का एक और शहर इस खिताब का असली हकदार है, जिसका इतिहास मुगलों के दौर से जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं आखिर किस शहर को मिला है भारत के फुटवियर हब का यह खास दर्जा।

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Traditional Footwear India: भारत की ‘फुटवियर सिटी’ कौन-सी है?

Footwear Capital of India|फोटो सोर्स -Freepik

भारत में अगर जूतों की बात हो, तो असली नाम आगरा का आता है। ताजमहल की वजह से दुनिया भर में मशहूर आगरा, असल में देश के सबसे बड़े फुटवियर केंद्रों में से एक है। यहां हर दिन लाखों जोड़ी जूते तैयार होते हैं, जो देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक भेजे जाते हैं।

आगरा को फुटवियर सिटी क्यों कहा जाता है?

आगरा में बड़े-बड़े कारखानों से लेकर छोटे पारंपरिक वर्कशॉप तक, हर जगह जूते बनाए जाते हैं।यहां खास तौर पर पुरुषों के लेदर शूज और महिलाओं की स्टाइलिश सैंडल्स की जबरदस्त मांग है।आगरा के जूतों और हील्स की क्वालिटी इतनी बेहतरीन मानी जाती है कि इन्हें यूरोप, अमेरिका और मिडिल ईस्ट तक एक्सपोर्ट किया जाता है।यहां के कारीगर पीढ़ियों से इस काम में जुड़े हुए हैं, जिससे शिल्प और मजबूती दोनों बरकरार हैं।

Mughal Influence on Footwear: मुगल काल से जुड़ी है ये परंपरा

आगरा का फुटवियर उद्योग कोई नया कारोबार नहीं है। इसकी नींव मुगल काल में पड़ी थी, जब चमड़े के काम और जूता निर्माण को खास संरक्षण मिला। उस दौर के कारीगरों ने जो हुनर सीखा, वह आज भी परिवार दर परिवार आगे बढ़ता चला आ रहा है। यही वजह है कि आगरा के जूतों में आज भी पारंपरिक कारीगरी की झलक साफ दिखती है।

देश के दूसरे बड़े फुटवियर केंद्र

हालांकि आगरा इस क्षेत्र में सबसे आगे है, लेकिन भारत के कुछ और शहर भी फुटवियर इंडस्ट्री में अहम भूमिका निभाते हैं।

  • कानपुर – यहां इंडस्ट्रियल और सेफ्टी शूज़ बनाए जाते हैं, जिनकी मजबूती दुनियाभर में पसंद की जाती है।
  • चेन्नई – लेदर फुटवियर के उत्पादन और निर्यात का बड़ा केंद्र है, जहां से बड़ी मात्रा में जूते विदेशों तक भेजे जाते हैं।

शहरों को उपनाम क्यों मिलते हैं?

किसी भी शहर को उसका उपनाम यूं ही नहीं मिल जाता। जब कोई जगह किसी खास हुनर, उद्योग या परंपरा के लिए लंबे समय तक जानी जाती है, तो वही उसकी पहचान बन जाती है। इससे न सिर्फ उस शहर को पहचान मिलती है, बल्कि वहां के स्थानीय कारोबार, पर्यटन और इतिहास को भी बढ़ावा मिलता है।

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Published on:
15 Dec 2025 05:08 pm
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