Govinda Health: बॉलीवुड एक्टर गोविंदा हाल ही में अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्हें अचानक चक्कर आने के बाद ले जाया गया था। अब वे पूरी तरह ठीक हैं। गोविंदा ने फिट रहने के लिए ओवरवर्कआउट से बचने और योग को अपनाने की सलाह दी है।
Govinda Health: बॉलीवुड एक्टर गोविंदा अपनी फिटनेस और एनर्जी के लिए हमेशा जाने जाते हैं, लेकिन हाल ही में उन्होंने खुलासा किया कि बॉडी बनाने की चाहत कभी-कभी नुकसानदायक भी साबित हो सकती है। गोविंदा ने लोगों को सलाह दी है कि सिर्फ जिम पर निर्भर रहने के बजाय योग को अपनाएं, क्योंकि यह शरीर और मन दोनों को संतुलित रखता है। वहीं, सद्गुरु ने भी योग शुरू करने से पहले जानने योग्य 5 अहम बातें बताई हैं, जो हर किसी के लिए जरूरी हैं।
रात करीब 12 बजे गोविंदा अचानक घर पर बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जांच में पता चला कि उन्होंने हाल ही में फिटनेस पर जरूरत से ज्यादा मेहनत की थी, जिससे शरीर थक गया।उन्होंने खुद बताया कि ज्यादा वर्कआउट और मेहनत के चलते उन्हें चक्कर आए थे। गोविंदा ने कहा, “मैंने ओवरवर्कआउट कर लिया था, अब डॉक्टरों ने आराम की सलाह दी है और मैं ठीक हूं।”
डिस्चार्ज के बाद गोविंदा ने युवाओं को संदेश दिया कि फिटनेस जरूरी है, लेकिन बैलेंस बनाए रखना और शरीर को आराम देना भी उतना ही अहम है। उन्होंने कहा, “जिम करें, पर योग और प्राणायाम को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करें।”
योग केवल शरीर को लचीला बनाने का अभ्यास नहीं है यह आपकी ऊर्जा प्रणाली को ऊपर उठाने की प्रक्रिया है। सद्गुरु के अनुसार, “अगर आप अपनी ऊर्जा को ऊर्ध्व दिशा में ले जाना चाहते हैं, तो जो शरीर नहीं है, उसे शरीर से बाहर रखना जरूरी है।”इसीलिए योग हमेशा खाली पेट करें सुबह नाश्ते से पहले और पेट साफ करने के बाद सबसे उत्तम समय होता है। अभ्यास के दौरान पानी या खाना लेने से बचें ताकि शरीर पूरी तरह साधना में जुड़ सके।
स्नान केवल शरीर को साफ करने का तरीका नहीं है, बल्कि यह मन और ऊर्जा को भी शुद्ध करता है। जब पानी शरीर को छूता है, तो यह भीतर तक ताजगी और संतुलन लाता है। सद्गुरु के अनुसार, योगाभ्यास से पहले ठंडे या गुनगुने पानी से स्नान करना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि इससे त्वचा के पोर्स खुलते हैं जो साधना के लिए बेहद आवश्यक है।
योग करते समय तंग कपड़े आपकी ऊर्जा के प्रवाह में रुकावट डालते हैं। सद्गुरु कहते हैं, “जब आपकी ऊर्जा पूरे शरीर में फैलती है, तो तंग कपड़े असुविधा पैदा करते हैं इसलिए ढीले, हल्के और सूती कपड़े पहनना हमेशा बेहतर होता है।”आरामदायक वस्त्र न केवल सुविधा देते हैं बल्कि ऊर्जा के संतुलन को भी सहज बनाते हैं।
सद्गुरु बताते हैं कि “गुनगुने पानी में थोड़ा शहद मिलाकर नीम और हल्दी का सेवन करने से शरीर की कोशिकाएं साफ होती हैं और उनमें लचीलापन आता है।”यह संयोजन शरीर की आंतरिक संरचना को तैयार करता है ताकि साधना के दौरान ऊर्जा का प्रवाह सहज रूप से हो सके। धीरे-धीरे यह अभ्यास शरीर को अधिक शक्तिशाली और सशक्त बनाता है।
योग अभ्यास से पहले मन और शरीर को सही स्थिति में लाने का सर्वोत्तम तरीका है आह्वान। योगिक परंपरा में यह आमतौर पर संस्कृत में किया जाता है, क्योंकि संस्कृत की ध्वनियां सीधे ऊर्जा और आकारों से जुड़ी होती हैं। ये ध्वनियां नाद योग का आधार हैं, जो मानव चेतना को जागृत करती हैं। आप अपने अभ्यास की शुरुआत इस सरल आह्वान से कर सकते हैं।
असतो मा सदगमय
तमसो मा ज्योर्तिगमय
मृत्योर्मा अमृतमगमय