Identify Dengue Mosquito: बारिश का मौसम है और धूप में भी काफी गर्मी हो रही है। ऐसे में डेंगू से बचाव की शुरुआत मच्छर की सही पहचान से होती है। अगर आप उसकी पहचान कर लेंगे, तो आप भी खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।
Identify Dengue Mosquito: जैसे ही बारिश का मौसम दस्तक देता है, बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, खासकर डेंगू का। ये बीमारी एक खास मच्छर के काटने से होती है जिसे एडीज एजिप्टी (Aedes Aegypti) कहते हैं। डेंगू के मामले खासकर जुलाई से अक्टूबर के बीच तेजी से बढ़ते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम इस खतरनाक मच्छर को पहचानें ताकि समय रहते बचाव किया जा सके। आइए जानें, डेंगू फैलाने वाले मच्छर की पहचान कैसे करें ,उसके रंग और ब्रीडिंग टाइम से जुड़ी अहम बातें।
डेंगू फैलाने वाला Aedes मच्छर दिखने में आम मच्छरों से थोड़ा अलग होता है। इसके शरीर पर काले और सफेद धारियां होती हैं जैसे जेब्रा के पैटर्न। इसकी टांगे भी सफेद-धारीदार होती हैं। यह छोटा लेकिन तेज उड़ान भरने वाला मच्छर होता है, जो अक्सर ध्यान नहीं आता लेकिन खतरनाक साबित हो सकता है।
अधिकतर लोग सोचते हैं कि मच्छर रात में काटते हैं, लेकिन डेंगू वाला मच्छर दिन में ज्यादा सक्रिय होता है। खासकर सुबह 6 बजे से 10 बजे और शाम 3 बजे से 6 बजे के बीच ये मच्छर ज्यादा काटते हैं। इसलिए दिन में भी मच्छरदानी या रिपेलेंट का इस्तेमाल करना जरूरी है।
यह मच्छर गंदे पानी में नहीं, बल्कि साफ और स्थिर पानी में अंडे देता है। घर में रखे फूलदान, कूलर, पानी की टंकी, बाल्टी या खुले बर्तन इसकी ब्रीडिंग स्पॉट बन सकते हैं। यहां तक कि प्लांट पॉट की ट्रे में जमा पानी भी खतरा बन सकता है।
एडीज मच्छर एक बार नहीं, कई बार काटता है। और सबसे बड़ी बात यह अपने काटने के साथ डेंगू वायरस को इंसान के खून में पहुंचा देता है। यह मच्छर जितने लोगों को काटेगा, उतना डेंगू फैलाने की संभावना बढ़ती जाती है।
डेंगू मच्छर की पहचान जितनी जरूरी है, उससे ज्यादा जरूरी है सावधानी। हफ्ते में कम से कम एक बार घर की पानी से जुड़ी हर चीज़ की सफाई करें। पूरी बांह के कपड़े पहनें, बच्चों को मॉस्किटो रिपेलेंट लगाकर ही बाहर भेजें और घर में मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।