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Karela In Fatty Liver: कड़वा है, लेकिन लिवर के मरीजों के लिए करेला का जूस हो सकता है फयदेमंद

Karela In Fatty Liver: अगर आपको फैटी लिवर की समस्या है तो आप अपने डेली डाइट में करैले का जूस शामिल कर सकते हैं। इसका स्वाद तो कड़वा है लेकिन यह लिवर के लिए फायदेमंद हो सकता है। आइए जानते हैं फैटी लिवर में करैले के फायदे के बारे में। (Gourd Juice Benefits)

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May 24, 2025
Bitter Gourd Juice Benefits फोटो सोर्स – Freepik

Karela In Fatty Liver:फैटी लिवर एक ऐसी समस्या है जिसमें लिवर में ज्यादा फैट जमा हो जाता है, जिससे उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है और कई बार यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। ऐसे में अपने खान-पान पर ध्यान देना जरूरी है। अगर आप करेले के जूस का सेवन करते हैं तो यह आपके लिवर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। तो आइए जानते हैं करैले के फायदे के बारे में।

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करेले के जूस के स्वास्थ्य लाभ

करेले में एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व पाए जाते हैं, जो लिवर की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। इसके साथ ही, करेला ऐसे गुणों से भरपूर होता है जो लिवर में जमा वसा को कम करने में मदद करते हैं, जिससे लिवर की सेहत में सुधार होता है।

फैटी लिवर के लिए करेले के जूस के लाभ

फैटी लिवर की स्थिति में करेला जूस काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। यह जूस लिवर को बेहतर बनाने में मदद करता है और उसमें जमा वसा को घटाने में सहायक होता है। इसके नियमित सेवन से लिवर की कार्यक्षमता बढ़ती है, जिससे लिवर अधिक स्वस्थ और मजबूत बनता है।

करेले जूस के अन्य फायदे

करेले के जूस के कई अन्य फायदे भी हैं, जो शरीर के लिए लाभकारी हो सकते हैं। इसका सेवन ब्लड शुगर को संतुलित रखने, पाचन तंत्र को मजबूत करने, त्वचा को साफ रखने, वजन कम करने और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। नियमित और सीमित मात्रा में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, लेकिन किसी बीमारी की स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

करेले का जूस कैसे बनाएं

1 से 2 करेले को अच्छी तरह धोकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
इन टुकड़ों को मिक्सर में डालें, थोड़ा पानी मिलाएं और अच्छी तरह पीस लें।
तैयार जूस को छान लें और रोजाना नियमित रूप से इसका सेवन करें।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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