
पैरों के 3 लक्षण जो किडनी की समस्या का इशारा करते हैं (फोटो सोर्स : Freepik)
Foot Symptoms of Kidney Problems : हमारे पैर सिर्फ़ हमारा वजन ही नहीं उठाते बल्कि कभी-कभी वे हमारे शरीर के अंदर की ख़ामोश निशानियां भी दिखाते हैं. ऐसा ही एक ख़ामोश इशारा हमारी किडनी भी देती है. हालांकि किडनी हमारे पैरों से बहुत दूर होती है, लेकिन जब इसमें कोई परेशानी आने लगती है या यह ठीक से काम नहीं करती, तो यह हमारे पैरों के जरिए कुछ निशानियां भेजती है. ये कोई बड़े लक्षण नहीं होते, बल्कि ऐसे छोटे-मोटे बदलाव होते हैं जिन्हें अक्सर लोग थकान, उम्र या ग़लत बैठने का तरीका समझ लेते हैं. लेकिन अगर हम इन पर ध्यान दें, तो यह बड़ा फ़र्क ला सकता है.
यहां पैरों और पंजों में दिखने वाले पांच ऐसे कम चर्चित संकेत दिए गए हैं, जो किडनी की शुरुआती परेशानी की ओर इशारा कर सकते हैं:
किडनी की शुरुआती परेशानी में शरीर में पानी का संतुलन बिगड़ने लगता है. किडनी का एक बड़ा काम शरीर से फ़ालतू नमक और पानी को बाहर निकालना है. अगर किडनी थोड़ी सी भी कमज़ोर पड़ने लगती है, तो यह फ़ालतू पानी टखनों या पैरों में जमा हो सकता है.
जब किडनी शरीर से पर्याप्त मात्रा में सोडियम और पानी नहीं निकाल पाती, तो पैरों के निचले हिस्से में हल्की सूजन आ सकती है. हालांकि, यह सूजन लंबे समय तक खड़े रहने या गर्मी की वजह से भी हो सकती है, लेकिन अगर यह बिना किसी ख़ास वजह के बार-बार होने लगे, तो इस पर ध्यान देना ज़रूरी है.
किडनी खराब होने से पहले शरीर देता है ये संकेत
'युरेमिक प्रुरिटस' (Uremic pruritus) के नाम से जानी जाने वाली यह खुजली किडनी के काम से जुड़ी एक जानी-पहचानी निशानी है. हालांकि यह ज्यादातर किडनी की गंभीर समस्याओं में दिखती है, लेकिन यह हल्के रूप में भी शुरू हो सकती है, खासकर अगर गंदगी जमा होना उम्मीद से पहले शुरू हो जाए. यह सिर्फ़ सूखी त्वचा की खुजली नहीं है यह अंदरूनी परेशानी का संकेत है.
मांसपेशियों को ठीक से काम करने के लिए पोटेशियम, कैल्शियम और सोडियम जैसे मिनरल्स का सही संतुलन चाहिए होता है. जब किडनी खून को ठीक से फ़िल्टर नहीं कर पाती, तो इन मिनरल्स का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे पैरों में बिना किसी वजह के ऐंठन होने लगती है.
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क्रोनिक किडनी रोग के शुरुआती मरीज़ों को मांसपेशियों में ऐंठन की शिकायत हो सकती है, खासकर पैरों के निचले हिस्से में. ये ऐंठन ज़्यादा मेहनत या पानी की कमी से नहीं होती, बल्कि शरीर के अंदरूनी केमिकल्स में बदलाव का संकेत होती है.
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।
Published on:
22 May 2025 03:23 pm
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