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Reverse Fatty Liver Disease : क्या एक हार्मोन फैटी लिवर को कर सकता है ठीक, जानें विशेषज्ञों की राय

Reverse Fatty Liver Disease : फैटी लिवर आम है, अक्सर लक्षण नहीं दिखते पर गंभीर हो सकता है। नई रिसर्च में पता चला है कि FGF21 नाम का एक हार्मोन इसे ठीक करने में मदद कर सकता है।

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भारत

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Manoj Vashisth

May 15, 2025

Reverse Fatty Liver Disease

Reverse Fatty Liver Disease

Reverse Fatty Liver Disease : फैट्टी लिवर आजकल एक आम बीमारी बन गई है और दुनिया भर में लोग इससे परेशान हैं। अक्सर इसे खामोश बीमारी कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण जल्दी दिखते नहीं या बहुत कम होते हैं। लेकिन, यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि इसकी वजह क्या है और यह कितनी बढ़ गई है।

एक नई रिसर्च में पता चला है कि एक खास हार्मोन फैटी लिवर (Reverse Fatty Liver Disease) की बीमारी को ठीक कर सकता है। यह हार्मोन, जिसे FGF21 कहते हैं, मुख्य रूप से दिमाग को संकेत भेजता है जिससे लिवर बेहतर काम करने लगता है। इस रिसर्च में देखा गया कि इस हार्मोन की मदद से लिवर में जमा फैट कम हुआ और लिवर की नसों में आई सूजन (जिसे फाइब्रोसिस कहते हैं) भी ठीक होने लगी। यह हार्मोन सीधे लिवर पर भी असर डालता है और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।

फैटी लिवर डिजीज क्या है? (What is Fatty Liver Disease)

फैटी लिवर के दो मुख्य प्रकार होते हैं:

अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (AFLD) – अत्यधिक शराब पीने से होती है।

नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) – वे लोग जो शराब नहीं पीते, लेकिन डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर या मिड-एज में होते हैं, उन्हें यह हो सकती है।

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अब इसे एक नया नाम भी दिया गया है:

MASLD (Metabolic dysfunction-associated steatotic liver disease)
यह आगे बढ़कर MASH (Steatohepatitis) बन सकती है, जिसमें लिवर में सूजन और स्कारिंग यानी फाइब्रोसिस होने लगती है।

FGF21 हार्मोन कैसे करता है काम?

इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाया कि FGF21 हार्मोन मस्तिष्क को सिग्नल भेजता है, जिससे लिवर की कार्यप्रणाली सुधरती है। यानी यह हार्मोन सीधे लिवर पर असर नहीं करता, बल्कि ब्रेन के ज़रिए लिवर को कंट्रोल करता है।

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हार्मोन से दिमाग को सिग्नल जाता है

दिमाग से नर्वस सिस्टम के जरिए लिवर तक संदेश पहुंचता है

लिवर में फैट घटता है, सूजन और फाइब्रोसिस भी कम होता है

साथ ही कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कंट्रोल में आता है

क्या यह इंसानों के लिए भी उपयोगी होगा?

अब तक यह टेस्ट चूहों पर किया गया है, लेकिन इस हार्मोन पर आधारित नई दवाओं के ह्यूमन ट्रायल पहले से चल रहे हैं — और अच्छे परिणाम दे रहे हैं। फिलहाल अमेरिका की FDA ने केवल एक ही दवा को मंजूरी दी है जो MASH का इलाज करती है।

FGF21 पर आधारित दवाएं आने वाले समय में एक बड़ी क्रांति ला सकती हैं, जैसे GLP-1 दवाएं डायबिटीज और मोटापे के इलाज में लाई हैं।

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विशेषज्ञों की राय

प्रो. मैथ्यू पॉटहॉफ, इस स्टडी के लीड ऑथर कहते हैं:

FGF21 न केवल फैट घटाता है बल्कि फाइब्रोसिस को भी रिवर्स करता है। खास बात यह है कि यह असर तब भी दिखा जब चूहे वही डाइट ले रहे थे जो बीमारी पैदा करती है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि FGF21 और GLP-1 दोनों ही हार्मोन शरीर के बाहर यानी लिवर और आंत से उत्पन्न होते हैं, लेकिन दिमाग पर असर डालकर मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करते हैं।

क्या आगे की राह आसान है?

रिसर्च अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन इसके नतीजे बेहद उत्साहजनक हैं। अगर इंसानों में भी ऐसे ही असर दिखाई पड़े, तो फैटी लिवर (Fatty Liver Disease) का इलाज करने वाली यह पहली असली इलाज पद्धति बन सकती है, जो बीमारी को सिर्फ रोकती नहीं, उसे पलट भी सकती है।

FGF21 एक संभावनाओं से भरपूर हार्मोन है जो फैटी लिवर (Fatty Liver Disease) जैसी गंभीर समस्या के इलाज में मील का पत्थर साबित हो सकता है। लेकिन जब तक इंसानों पर इसके पूरे ट्रायल्स नहीं हो जाते, तब तक डॉक्टर की सलाह से ही कोई कदम उठाना चाहिए।