Overthinking Problem-इन सरल उपायों को अपनाकर आप ओवरथिंकिंग की आदत को कम कर सकते हैं।
Overthinking Problem Tips: कई बार हम जिंदगी के छोटी-मोटी बातों को लेकर इतना सोचने लगते हैं कि ये सोच हमारे दिलो दिमाग पर हावी हो जाती है। एक छोटी सी बात बार-बार दिमाग में घूमती रहती है, और ये सोच धीरे-धीरे ओवरथिंकिंग का रूप ले लेती है। इस लगातार सोचते रहने की आदत का असर हमारी मानसिक शांति, सेहत और रिश्तों पर भी पड़ सकता है। ओवरथिंकिंग हमारे अंदर तनाव और अनिश्चितता को बढ़ा देती है। अगर आप भी सोचते-सोचते थक गए हैं, तो इस आदत से छुटकारा पाने के लिए ये 10 असरदार तरीके आपकी मदद कर सकते हैं।
अगर आपका दिमाग किसी बात पर अटका हुआ है और लगातार सोचता जा रहा है, तो कुछ फिजिकल एक्टिविटी कर लें। जैसे- टहलने जाएं, दौड़े या योग करें। फिजिकल एक्टिविटी से हमारे शरीर में एंडॉर्फिन हार्मोन रिलीज होते हैं, जो मूड को बेहतर बनाते हैं और निगेटिव सोच को कम करते हैं।
ध्यान (Meditation) मन को शांत करने का एक बहुत ही प्रभावी तरीका है। रोजाना 5-10 मिनट तक ध्यान करें। ध्यान आपके दिमाग को शांत और स्थिर बनाता है। इस दौरान अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें, इससे Negative Thoughts से छुटकारा मिलता है।
निगेटिव सोच अक्सर ओवरथिंकिंग को बढ़ावा देती है। अपने सोच को सही दिशा (positive direction) में ले जाएं। हर परिस्थिति में अच्छा देखने का प्रयास करें और खुद को समझाएं कि हर समस्या का हल निकलेगा। इस तरह की सोच आपके दिमाग को हल्का और संतुलित बनाए रखती है।
लगातार काम या सोचते रहने से हमारा दिमाग थक जाता है। थोड़ी-थोड़ी देर में छोटे-छोटे ब्रेक लें, ताकि आपका दिमाग रिफ्रेश हो सके। यह आपको अपनी सोच को संयमित रखने में मदद करता है और किसी एक ही बात पर फोकस करने से बचाता है।
अपनी भावनाओं और विचारों को डायरी में लिखना एक बेहतरीन उपाय है। यह एक तरह से आपका दिमाग हल्का करने का जरिया बनता है। डायरी में लिखने से आपको खुद को बेहतर समझने में मदद मिलती है, और आप जान पाते हैं कि किन बातों पर ज्यादा सोचना जरूरी नहीं है।
ओवरथिंकिंग के दौरान खुद को शांत करने के लिए गहरी सांसें लेना बहुत फायदेमंद होता है। गहरी सांसें लें, इससे दिमाग में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और तनाव दूर होता है। गहरी सांसें दिमाग को तुरंत शांत करती हैं और हमारे मन को शांत करती हैं।
अक्सर हम जीवन में स्पष्ट लक्ष्य न होने के कारण भटक जाते हैं। अपने जीवन में छोटे और बड़े लक्ष्य तय करें और उसी दिशा में अपना फोकस रखें। इससे आपका ध्यान आपके तय किये टारगेट पर रहेगा, और परेशान करने वाले बातों पर सोचने की आदत कम होगी।
अपने विचारों पर नियंत्रण रखने के लिए कभी-कभी खुद से बात करना भी मददगार होता है। अपने सोचने के तरीके पर सवाल खुद से पूछें कि क्या यह सोचना वाकई जरूरी है। खुद से बातचीत करने से आप अपनी सोचे हुए डिसीजन पर सही गलत निर्णय ले सकते हैं और अनावश्यक बातों को टाल सकते हैं।
कई बार हम अपनी उलझनों में इतने खो जाते हैं कि अपने मन की बात को किसी के साथ शेयर करना भूल जाते हैं। अपने परिवार या दोस्तों से बात करें, अपनी परेशानियों को उनसे शेयर करें। इससे आपका मन हल्का हो जाता है।
अक्सर ओवरथिंकिंग हमारे खुद के गलत डिजिसन के परिणाम से होती है। खुद से प्यार करना सीखें, अपने अंदर की अच्छाइयों को पहचानें और खुद की कद्र करें। खुद से प्यार करने का मतलब है कि आप अपनी गलतियों को माफ करें और अपनी सफलताओं में खुश रहें।